कांग्रेस के दांत खाने के लिए कुछ और, दिखाने के कुछ और हैं: जेपी नड्डा

JP Nadda

नड्डा ने कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए कहा कि विपक्षी दल के सत्ता में आने का अर्थ अंधेरे दिनों की शुरुआत है जबकि भाजपा का मतलब विकास है। उन्होंने कहा, यदि आप अंधेरा चाहते हैं तो कांग्रेस के साथ चले जाएं। लेकिन यदि आप विकास चाहते हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हाथ थाम लें।

तिनखोंग (असम)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हाथी की तरह कांग्रेस के दांत खाने के लिए कुछ और तथा दिखाने के लिए कुछ और हैं। डिब्रूगढ़ जिले के तिनखोंग में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे नड्डा ने कांग्रेस पर अवसरवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी सत्ता में आई तो असम अंधकार की ओर ब़ढ़ने लगेगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य अवसरवाद की राजनीतिक करना है। वह केरल में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर माकपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है और पश्चिम बंगाल तथा असम में उससे हाथ मिला रखा है। उन्होंने कहा, हाथी के दातों की तरह, कांग्रेस के दांत भी दिखाने के कुछ और तथा खाने के कुछ और हैं। वह हमेशा कहती कुछ है लेकिन करती उसके विपरीत है...वह समाज को बांट रही है। नड्डा ने कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए कहा कि विपक्षी दल के सत्ता में आने का अर्थ अंधेरे दिनों की शुरुआत है जबकि भाजपा का मतलब विकास है। उन्होंने कहा, यदि आप अंधेरा चाहते हैं तो कांग्रेस के साथ चले जाएं। लेकिन यदि आप विकास चाहते हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हाथ थाम लें। नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही असम तथापूर्वोत्तर की उपेक्षा की और इस क्षेत्र के विकास के लिये कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस के दोहरे मापदंड के चलते विकास के पहिये पूरी तरह रुक गए थे। उसने असम की सभ्यता पर हमला किया और राज्य की संस्कृति को दरकिनार कर दिया। लेकिन भाजपा विकास लेकर आई और असम की संस्कृति तथा की रक्षा की। 

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नड्डा ने दावा किया कि विपक्षी दल ने असम के लोगों की सुरक्षा को कोई महत्व नहीं दिया और 50 साल तक बोडो समस्या को भी हल नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस-एआईयूडीएफ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कभी बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया लेकिन उनके बेटे ने एआईयूडीएफ के लिये बाहें फैला दीं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, यही अवसरवाद है। आप असमिया संस्कृति की रक्षा कैसे करेंगे? अजमल से हाथ मिलाकर? असम में तीन चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण में 27 मार्च, दूसरे चरण में एक अप्रैल और तीसरे चरण में छह अप्रैल को मतदान होना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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