कोरोना संकट के समय कांग्रेस भ्रम फैलाने के बजाय विश्वास पैदा करने में बने हिस्सेदार: नकवी

Mukhtar Abbas Naqvi

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज देश में असाधारण संकट के हालात हैं। कोरोना का कहर, तूफान की तबाही जैसी तमाम आपदाएं सामने हैं। ऐसी स्थिति में भी कांग्रेस “समस्या के समाधान के बजाय सियासी घमासान में लगी है।

नयी दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि महामारी के काल में कांग्रेस राजनीतिक पाखंड की प्रयोगशाला बन गई है और उसे संकट के समय में लोगों में “भ्रम फैलाने” के बजाय “विश्वास” पैदा करने में हिस्सेदार बनने की कोशिश करनी चाहिए। नकवी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस, “संकट के समाधान का हिस्सा” बनने के बजाय “सियासी व्यवधान का किस्सा” बन गई है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज देश में असाधारण संकट के हालात हैं। कोरोना का कहर, तूफान की तबाही जैसी तमाम आपदाएं सामने हैं। ऐसी स्थिति में भी कांग्रेस “समस्या के समाधान के बजाय सियासी घमासान में लगी है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसके साथियों को इस संकट के समय में लोगों में “भ्रम फैलाने” के बजाय “विश्वास” पैदा करने का हिस्सेदार बनने की कोशिश करनी चाहिए।’’ नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट के समय सभी को साथ लेकर देश एवं लोगों की सुरक्षा, सेहत, सलामती के लिए प्रभावी ढंग से परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सभी राज्य सरकारों को पूरी तरह विश्वास में लेकर हर तरह की जरूरतों को पूरा किया गया। भारत में कोरोना के संकट के समय लिए गए दूरदर्शी फैसलों का नतीजा है कि दुनिया के तमाम सुविधासम्पन्न देशों के मुकाबले भारत अपने लोगों की सेहत-सलामती में अग्रणी रहा है। 

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा कि कांग्रेस का सैद्धांतिक कंटक ही उसकी राजनैतिक सोच का संकट बन गया है। कांग्रेस ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों जगह संकट के समाधान के बजाय सियासी व्यवधान के प्रयास में लगी है। गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन के विफल रहने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि आगे कोरोना संकट से निपटने और जरूरतमंदों को मदद देने की उनकी रणनीति क्या है? उन्होंने अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए यह भी कहा कि गरीबों और मजदूरों को 7500 रूपये की मदद दी जाए और राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से पूरी मदद मिले।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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