कांग्रेस तेजी से हाशिये की ओर बढ़ रही हैः जेटली
जेटली ने आज कहा कि कांग्रेस हाशिये की ओर चली गयी है और उन्होंने सवाल पूछा कि क्या 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के खिचड़ी तालमेल से पीछे रह जाएगी।
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर उस पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पार्टी हाशिये की ओर चली गयी है और उन्होंने सवाल पूछा कि क्या 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के खिचड़ी तालमेल से पीछे रह जाएगी। कांग्रेस पर तमाम सवाल खड़े करते हुए जेटली ने यह भी कहा कि क्या वह अनेक नेताओं के साथ एक ढांचे वाली पार्टी बनेगी या कई चुनावी विफलताओं के बावजूद वंशवाद वाली पार्टी ही बनी रहेगी।
जेटली ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी में कहा कि केंद्र सरकार जनता के व्यापक कल्याण के लिए पांचों निर्वाचित राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में पिछले दो महीने में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे अपेक्षित दिशा में हैं। असम में भाजपा नीत गठबंधन ने जीत हासिल की है वहीं केरल और असम में कांग्रेस सत्ता खो चुकी है। जेटली ने कहा, ‘‘2014 के आम चुनावों के बाद कांग्रेस तेजी से हाशिये की ओर बढ़ी है। उसने शासन करने वाली स्वाभाविक पार्टी की तरह व्यवहार नहीं किया। आज कांग्रेस हाशिये पर तेजी से बढ़ने के संकट में है।’’
जेटली ने कहा, ‘‘2019 में क्या कांग्रेस भाजपा नीत राजग के लिए मुख्य चुनौती होगी या वैचारिक रूप से असमान क्षेत्रीय दलों के खिचड़ी तालमेल से भी पीछे रह जाएगी? पार्टी के नेता अब जिस ‘सर्जरी’ की बात कर रहे हैं, वह किस तरह की होगी? क्या कांग्रेस कई नेताओं के साथ संरचना वाली पार्टी बनेगी या वंशवाद वाली पार्टी रहेगी?’’ उन्होंने कहा कि नतीजों से निकलने वाले सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक विश्लेषण कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका हैं क्योंकि वह केरल और असम दोनों राज्य खो चुकी है। जेटली ने कहा, ‘‘केरल में वह इसलिए हार गयी क्योंकि उसकी सरकार भ्रष्टाचार घोटालों में लिप्त थी। असम में वोट बैंक के लिए अवैध प्रवासियों को बढ़ावा देने की उसकी परंपरागत नीति को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा, एजीपी और बीपीएफ के रणनीतिक गठबंधन ने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को उजागर किया। जेटली ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन में सुस्ती थी। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के साथ गठबंधन विचारों का समझौता था। यह उलटा साबित हुआ।’’ जेटली ने कहा कि दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण भौगोलिक विस्तार को दर्शाते हैं।
जेटली ने कहा, ‘‘2008 में इस बात को कई लोग नहीं मानते थे कि भाजपा कर्नाटक में अपनी सरकार बना सकती है। अब हम कर्नाटक में वापसी के रास्ते पर हैं। आंध्र प्रदेश में हम गठबंधन सरकार में हैं और केरल की राजनीति को भी तेजी से त्रिध्रुवीय समीकरण की ओर बढ़ा रहे हैं।’’ भाजपा को बिहार में ‘निःसंदेह सबसे बड़ी पार्टी’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व की ओर हमारे आंदोलन में हम अब असम में बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। हम पूर्वोत्तर में दो गठबंधन सरकारों में पहले ही हैं और पश्चिम बंगाल में अच्छे वोट प्राप्त किये हैं। हम क्षेत्रीय दलों की सरकारों के साथ सहयोग करते हुए काम करना चाहते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि वामपंथी दल वैचारिक रूप से दुनियाभर में अप्रासंगिक हो गये हैं और उन्होंने जो राजनीतिक तथा आर्थिक मॉडल अपनाये हैं, वे व्यापक तौर पर खारिज किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में, उनकी लड़ाई वैचारिक रूप से जीवित रहने के लिए है। केरल में उनकी जीत चुनाव में एक अलोकप्रिय सरकार के हारने तथा स्वत: ही विरोधी के जीतने का परिणाम है।’’ जेटली ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में उनका हाशिये पर जाना काबिलेगौर है जहां उन्होंने 34 साल तक शासन किया था। जाधवपुर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयों में कुछ लोगों द्वारा अपनाये गये तीखे रख भारत का मुख्यधारा का एजेंडा नहीं बन सकते।’’
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