कांग्रेस नेता ने PM मोदी को पत्र लिख चक्रवात प्रभावित बंगाल के लिये और सैन्यकर्मी भेजने की मांग की

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अधीर चौधरी ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुयेप्रवासी श्रमिकों के पश्चिम बंगाल लौटने के मामले को लटकाने का आरोप लगाया जिसकी वजह से श्रहिकों को बड़ी राशि देकर बस और ट्रक बुक करने के लिये विवश होना पड़ रहा है।

कोलकाता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिये सेना के और जवानों की तैनाती की मांग की। अधीर ने अपने पत्र में दावा किया कि राज्य सरकार आपदा से निपटने में पूरी तरह विफल रही है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं खाद्य पदार्थ का वितरण बिल्कुल अपर्याप्त है। चौधरी ने कहा कि राज्य के बड़े हिस्से में समुद्री जल के भीतर घुस आने और विभिन्न प्राणियों के क्षत विक्षत शवों के आसपास तैरने से लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि कोलकाता एवं राज्य के अन्य हिस्सों में बिजली की अपूर्ति अब तक बहाल नहीं हुई है तथा गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के सामने जीवन का खतरा उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश को भरोसे में लेते हुये सामान्य जनजीवन की बहाली के लिये और अधिक सैन्यकर्मियों को भेजा जाना चाहिये। पिछले सप्ताह राज्य सरकार के आग्रह पर कोलकाता एवं पड़ोसी जिलों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिये सैन्य बलों को वहां तैनात किया गया गया था। पश्चिम बंगाल में 20 मई को आये चक्रवात अम्फन के कारण कोलकाता एवं पड़ोसी जिलों में बिजली के खंभे टूटे गये हैं एवं संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुयी है। 

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चौधरी ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुयेप्रवासी श्रमिकों के पश्चिम बंगाल लौटने के मामले को लटकाने का आरोप लगाया जिसकी वजह से श्रहिकों को बड़ी राशि देकर बस और ट्रक बुक करने के लिये विवश होना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता ने अपने वीडिया संदेश में कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लाखों प्रवासी श्रमिक अपने घर लौट रहे हैं जबकि ट्रेनों से केवल कुछ हजार लोग ही अब तक पश्चिम बंगाल वापस आये हैं। मुर्शिदाबाद के बहरमपुर से सांसद ने कहा कि केंद्र की तरफ से अगले 10 दिनों में प्रवासी श्रमिकों वापस उनके घर ले जाने के लिये 2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को तैयार रखा गया है, लेकिन राज्य सरकार को इस मामले में कोई शीघ्रता नहीं दिखा रही है। जिले के लाखों लोग प्रवासी श्रमिक के तौर पर काम करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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