उपचुनाव के सिलसिले में कांग्रेस का वचन पत्र जनता की आंखो में धूल झोंकने वाला: भाजपा
कमलनाथ के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 22,500 शादियाँ हुईं, लेकिन किसी को 51000 की राशि नहीं मिली। यह प्रदेश के लोगों के साथ धोखेबाजी नहीं, बल्कि एक अपराध है। कमलनाथ ने जनता की गरीबी का अपमान किया है।
अब विधानसभा की 28 सीटों के उपचुनाव देखते हुए कमलनाथ एक और पूरक वचनपत्र ले आए हैं, ताकि एक बार फिर से जनता की आंखों में धूल झोंकी जा सके। लेकिन प्रदेश की जनता संवेदनशील है और उसने कमलनाथ सरकार की 15 महीनों की कारगुजारियों को देखा है। इसलिए वह किसी भी तरह कांग्रेस और कमलनाथ के झांसे में आने वाली नहीं है।’’ शर्मा ने कहा कि नया वचन पत्र जारी करते समय कमलनाथ ने चार मिनट में पांच बार भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोसा जिससे पता चलता है कि वह हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा से किस कदर भयभीत हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व में किसानों को दिये गये कर्ज माफी के प्रमाणपत्र फर्जी होने का दावा करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ 2018 में जारी किए गए कांग्रेस के वचनपत्र की सबसे अहम बात किसानों की कर्जमाफी थी। लेकिन कांग्रेस का कर्जमाफी का दावा सफेद झूठ है। जिस 6000 करोड़ की कर्जमाफी की बात कमलनाथ करते हैं, वास्तव में कांग्रेस की सरकार ने उस 6000 करोड़ से बैंकों का एनपीए चुकाया है, कर्जमाफी नहीं की।’’पुराने वचनपत्र के न तो वचन निभाए, न वादें पूरे किए। लिखा और भूल गए और कहा भी ये था कि कई चीजें दस दिन में पूरी कर देंगे, वो पूरे नहीं हुए अब नए वादें करने आ गए। वादें हैं, वादों का क्या है और वो(कमलनाथ) जानते हैं कि करना तो कुछ है नहीं केवल लिखना ही है: शिवराज सिंह चौहान, MP CM https://t.co/ttCOFuneiC pic.twitter.com/ut3yemNoBv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 17, 2020
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उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान कमलनाथ से ये पूछ रहा है कि उनके साथ ऐसा कपट, ये गद्दारी कांग्रेस की सरकार ने क्यों की? कोराना संकट से निपटने की तैयारियों में फरवरी और मार्च माह में कांग्रेस सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ आइफा अवार्ड की तैयारियों में लगे रहे, लेकिन कोरोना संकट से निपटने पर कोई ध्यान नहीं दिया। शर्मा ने कहा, ‘‘ अब कमलनाथ पूछते हैं कि उनका क्या कसूर है जबकि उन्होंने एक नहीं हजारों कसूर किए हैं। उन्होंने संबल योजना, बच्चों के लेपटॉप, विकलांगों की पेंशन योजना बंद कर दी। कमलनाथ के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 22,500 शादियाँ हुईं, लेकिन किसी को 51000 की राशि नहीं मिली। यह प्रदेश के लोगों के साथ धोखेबाजी नहीं, बल्कि एक अपराध है। कमलनाथ ने जनता की गरीबी का अपमान किया है।
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