कर्नाटक में जेडीएस के साथ सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने किया त्याग
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने आज कहा कि जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के साथ सरकार बनाकर कांग्रेस ने ‘‘त्याग’’ किया है ताकि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाया जा सके।
बेंगलूर। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने आज कहा कि जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के साथ सरकार बनाकर कांग्रेस ने ‘‘त्याग’’ किया है ताकि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाया जा सके। राव ने कहा कि जेडीएस को 37 जबकि कांग्रेस को 80 विधानसभा सीटें मिली, लेकिन फिर भी उनकी पार्टी ने जेडीएस को सरकार बनाने में मदद का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा इसलिए नहीं किया कि ‘‘ हम कमजोर हैं, बल्कि इसलिए किया क्योंकि हमारे उद्देश्य अलग हैं।’’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभालने के बाद पहली बार पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राव ने कहा, ‘‘हमने गठबंधन सरकार बनाने के लिए त्याग किया ताकि संदेश दे सकें कि हम सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र बचाने के लिए किस तरह के प्रयास करते हैं।’’ गौरतलब है कि 12 मई को हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में खंडित जनादेश आया था जिसमें भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन उसके पास सरकार बनाने लायक संख्याबल नहीं था। बाद में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री पद जेडीएस को दिया।
राव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में नहीं आएंगे क्योंकि कर्नाटक के अलावा दक्षिण भारत में भाजपा का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में भी स्थितियां तेजी से भाजपा के खिलाफ बदल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार बनने की 100 फीसदी संभावना है और राहुल गांधी प्रधानमंत्री के तौर पर इसकी अगुवाई करेंगे।’’ राव ने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक की सभी 28 लोकसभा सीटें जीतने की कोशिश करेगी ताकि राहुल गांधी की स्थिति मजबूत हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल में नहीं बल्कि इस साल नवंबर में होंगे। उन्होंने भी पूर्वानुमान किया कि मोदी दोबारा सत्ता में नहीं आएंगे और राहुल गांधी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे।
अन्य न्यूज़