कांग्रेस का घोषणापत्र आतंकवाद पर नरम, यह सेना को पाक की दृष्टि से देखता है: मोदी

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[email protected] । Apr 10 2019 9:05AM

उन्होंने कहा कि चूंकि भारत ने 26:11 आतंकी हमले और संसद पर हुए हमले का जवाब नहीं दिया, इससे पाकिस्तान दुस्साहसी हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस बार हमने अधिक नहीं सोचा।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर उस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उसके चुनावी वादे आतंकवाद पर नरम हैं तथा सेना पर उसके विचार पाकिस्तान से मिलते जुलते हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून वापस लेने की बात करता है जो सैनिकों को फांसी चढ़ाने के समान है। उन्होंने यह भी उम्मीद व्यक्त की कि भाजपा 2014 की तुलना में अधिक जनादेश के साथ सरकार बनाएगी।  मोदी ने मंगलवार को प्रसारित इस साक्षात्कार में कहा, ‘‘विभिन्न मापदंडों पर दृष्टिकोण में भारी अंतर है। हम आतंकवाद के सफाये के करीब हैं। आतंकवादियों का मनोबल टूट गया है, हम उनके खिलाफ मनोवैज्ञानिक लड़ाई जीत रहे हैं। इसके (ऐसे प्रयासों के समर्थन के) बजाय कांग्रेस घोषणापत्र पर नरम है। सेना पर विचार पाकिस्तान के समान हैं।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रभक्त इस भाषा को सहन नहीं कर सकता।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया, ‘‘उनका घोषणापत्र आफ्सपा हटाने की बात करता है। यह सैनिकों को निशस्त्र करने के समान है। क्या यह सही है?’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस विवादास्पद कानून से समयबद्ध तरीके से निबटा जाएगा, मोदी ने कहा कि यह आवश्यक है कि पहले ऐसा माहौल तैयार किया जाए जहां आफ्सपा अनावश्यक हो जाए।  उन्होंने अरूणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया जहां कुछ जिलों में इसे हटा लिया गया।  मोदी ने कहा, ‘‘हमने तब इसे कुछ राज्यों से इसे हटाया। 1980 के बाद हम ऐसा कदम उठाने वाले प्रथम हैं। किन्तु हमने कानून एवं व्यवस्था को कायम रखा। सरकार के पास अपने सशस्त्र बलों की हिफाजत की ताकत होनी चाहिए। उसके बाद ही उनके पास लड़ने का उत्साह होगा। जम्मू कश्मीर से आफ्सपा हटाना हमारे सैनिकों को फांसी पर चढ़ाने के समान होगा। मैं हमारे सैनिकों के साथ ऐसा कभी नहीं होने दूंगा।’’ मोदी ने कहा कि पुलवामा एक ‘‘अपवाद’’ था और देश में आतंकवादी हमलों में पर्याप्त कमी आयी है।  उन्होंने दावा किया कि पुलवाम आतंकी हमले के पीछे जो लोग थे, उन्हें सशस्त्र बलों ने खत्म कर दिया है। 

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उन्होंने कहा कि चूंकि भारत ने 26:11 आतंकी हमले और संसद पर हुए हमले का जवाब नहीं दिया, इससे पाकिस्तान दुस्साहसी हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस बार हमने अधिक नहीं सोचा। हमने उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी, किन्तु इस बार हमें महसूस हुआ कि यह जवाब नहीं होना चाहिए। हवाई हमला बेहतर विकल्प था, लिहाजा हमने यह विकल्प अपनाया और हम सफल हुए। और मेरा मानना है कि हमने यह विचार विमर्श करके किया और सभी को विश्वास में लिया।’’ चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी मसूद अजहर के पक्ष में अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किये जाने के मुद्दे पर पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बीजिंग के रुख की बात है तो प्रत्येक राष्ट्र अपने तरीके से अपने निर्णय करता है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को केवल रूस का समर्थन प्राप्त था और शेष विश्व पाकिस्तान के साथ था। किंतु आज समूची स्थिति बदल गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अब केवल चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है और शेष विश्व भारत के साथ है। हमें यह बदलाव समझना चाहिए। यह हमारी सफलता का साक्ष्य है।’

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