एमपी में हिजाब पर विवाद शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक मसूद ने दी चेतावनी
इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूल में बच्चों को किस ड्रेस में आना है यह हम तय करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ड्रेस कोड जारी करेगा और उसी ड्रेस कोड में स्कूल आना होगा। कोई भी पारंपरिक विधान हिजाब पर कहा कि हिजाब से आपत्ति नहीं है।
भोपाल। कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर चल रहा विवाद मध्य प्रदेश पहुंच गया है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान देते हुए कहा कि हिजाब अपने घरों में पहने बाजारों में पहने, हमें कोई आपत्ति नहीं है। स्कूलों में अनुशासन का पालन करें। स्कूल में समानता का भाव है। इसलिए एक ड्रेस कोड होगा।
दरअसल इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूल में बच्चों को किस ड्रेस में आना है यह हम तय करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ड्रेस कोड जारी करेगा और उसी ड्रेस कोड में स्कूल आना होगा। कोई भी पारंपरिक विधान हिजाब पर कहा कि हिजाब से आपत्ति नहीं है।
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वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मध्य प्रदेश में हिजाब पर प्रतिबंध लगता है तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इनकी अती अब सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि 70 साल में आज तक हिजाब से दिक्कत नहीं आई। फिर आज क्यों हिजाब को लेकर विवाद हो रहा है। ये देश नारियों के सम्मान करने वाला देश है।
आपको बता दें कि हिजाब नकाब से काफी अलग होता है। हिजाब का मतलब पर्दे से है। कुरान में पर्दे का मतलब किसी कपड़े के पर्दे से नहीं बल्कि पुरुषों और महिलाओं के बीच के पर्दे से है। वहीं हिजाब में बालों को पूरी तरह से ढकना होता है यानी हिजाब का मतलब सिर ढकने से है। हिजाब में महिलाएं सिर्फ बालों को ही ढकती हैं। किसी भी कपड़े से महिलाओं का सिर और गर्दन ढके होना ही असल में हिजाब कहा जाता है। लेकिन महिला का चेहरा दिखता रहता है।
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