Women wrestlers को हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस ने कहा: ‘अहंकारी राजा’ जनता की आवाज को कुचल रहा है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘राज्याभिषेक पूरा हुआ - ‘अहंकारी राजा सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने महिला पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद रविवार को आरोप लगाया कि ‘राज्याभिषेक’ पूरा होने के पश्चात ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर जनता की आवाज को कुचल रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘राज्याभिषेक पूरा हुआ - ‘अहंकारी राजा सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि सरकार महिला खिलाड़ियों की आवाज को निर्ममता से बूटों तले रौंद रही है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है।
भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज जब प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे और लोकतंत्र को लेकर प्रवचन दे रहे थे, तब संसद से कुछ ही दूरी पर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों को हिरासत में लिया जा रहा था। यह शर्मनाक है और मोदी सरकार के असली चेहरे को दिखाता है।’’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज इतिहास का काला दिन है। कुछ साल पहले एक प्रधानमंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी) ने मोदी जी से राजधर्म की बात की थी।
आज जब प्रधानमंत्री राजदंड को लेकर चल रहे थे, तो बेटियों के खिलाफ अत्याचार हो रहा था।’’ उन्होंने दावा किया गया, ‘‘महिला पहलवानों को मारा गया, उन्हें घसीटा गया और उनका सामान फेंक दिया गया। आप राजधर्म तब निभाइएगा, जब उसे पदों से हटाइए।’’ महिला कांग्रेस की प्रमुख नेटा डिसूजा ने आरोप लगाया कि महिला पहलवानों से बदसलूकी किए जाने के साथ तिरंगे का भी अपमान किया गया है। उल्लेखनीय है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया।
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पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अज्ञात स्थल पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के प्रदर्शन स्थल जंतर मंतर से उनके चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल आदि सामान को हटा दिया। देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
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