मीडिया पर लगाम लगाने का कांग्रेस का चुनावी वादा ‘‘तारीखी गलती वाला’’: जेटली
जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा, ‘‘ मीडिया चैप्टर (कांग्रेस के घोषणापत्र) में ऐसे सुझाव हैं जो स्वतंत्र पत्रकारिता पर रोक लगायेंगे और नियमन करेंगे। यह तारीखी गलती वाला है।’’
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी का मीडिया में एकाधिकार और मीडिया बाजार में एक- दूसरे के स्वामित्व (क्रास ओनरशिप) पर लगाम लगाने का चुनावी वादा ‘‘तारीखी गलती वाला’’ है जिसका मकसद स्वतंत्र पत्रकारिता पर रोक लगाना है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में मीडिया में एकाधिकार और मीडिया के विभिन्न वर्गों में एक दूसरे के स्वामित्व (क्रास ओनरशिप) पर लगाम लगाने के लिये कानून पास करने का वादा किया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में मीडिया पर क़ानून द्वारा नियंत्रण करने की कोशिश की गयी है जो लोकतंत्र में सर्वथा मान्य नहीं है l pic.twitter.com/ovlDxnnyQM
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 5, 2019
जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा, ‘‘ मीडिया चैप्टर (कांग्रेस के घोषणापत्र) में ऐसे सुझाव हैं जो स्वतंत्र पत्रकारिता पर रोक लगायेंगे और नियमन करेंगे। यह तारीखी गलती वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे समय के अनुरूप नहीं है। हालांकि, इस पाठ का मसौदा तैयार करते हुए भी आतंकवादियों और अलगववादियों को नयी सुविधा देने का प्रयास किया गया है।’’ इंटरनेट संबंधी प्रस्ताव के संदर्भ में जेटली ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ जब अभियान होता है तब इंटरनेट बंद कर दिया जाता है।
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उन्होंने कहा कि अलगाववाद के खिलाफ अभियान अथवा जाति या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान इस प्रकार के अधिकारों को रोकना राष्ट्रीय हितों को बाधा पहुंचायेंगे। कुछ परिस्थितियों में इसके कारण सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक तनाव पैदा किया जा सकता है। जेटली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस संबंध में सुरक्षा बलों के अधिकारों का नियमन करना चाहती है।
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