महिला आरक्षण पर बदला कांग्रेस रुख, कोटे के अंदर जातिगत कोटा की मांग के बारे में पार्टी कर रही विचार

Congress
ANI
अभिनय आकाश । May 14 2022 8:00PM

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सभी सीटों का एक तिहाई आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन सपा के मुलायम सिंह यादव, राजद के मजबूत विरोध के कारण यूपीए सरकार इसे आगे नहीं ले सकी।

बीजेपी के "हिंदुत्व" की काट के लिए कांग्रेस समाजिक न्याय को लेकर बड़ा दांव चलने जा रही है। दलितों, आदिवासियों, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने की इच्छुक कांग्रेस निजी क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण और संसद और विधानसभाओं में ओबीसी के लिए आरक्षण की मांग के बारे में सोच रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह महिला आरक्षण विधेयक में एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोटा के भीतर आरक्षण की मांग के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर रही है, जो कई सालों से लटका हुआ था।

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लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सभी सीटों का एक तिहाई आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन सपा के मुलायम सिंह यादव, राजद के मजबूत विरोध के कारण यूपीए सरकार इसे आगे नहीं ले सकी। लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन जद (यू) प्रमुख, शरद यादव, जिन्होंने बिल में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए 'कोटा के भीतर कोटा' की मांग की थी। तब कांग्रेस ने इस विचार का कड़ा विरोध किया था। लेकिन बारह साल बाद के बदलते राजनीतिक हालात, तंग होते हाथ की वजह से पार्टी अब अपना रुख बदलने और कोटा के भीतर कोटा की मांग करने के बारे में सोच रही है जिसका उसने कभी विरोध किया था। 

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इतना ही नहीं, पैनल चाहता है कि कांग्रेस एक स्टैंड ले और सभी समुदायों की जाति आधारित जनगणना, एससी / एसटी उप-योजना पर एक केंद्रीय कानून और राज्य स्तर पर इसी तरह के कानूनों की मांग करे। समूह के सदस्यों में से एक कांग्रेस नेता के राजू ने कहा कि पार्टी को महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए जोर देना चाहिए। लेकिन कोटा के भीतर एक कोटा होगा, एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में आरक्षण को लेकर पार्टी की ओर से कोई विसंगति नहीं है। "हम उस स्थिति से आगे बढ़े जहां हमने रणनीतिक रूप से महसूस किया था कि महिलाओं के लिए कोटा पहले आना चाहिए। 

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