गुजरात में 'धमन-1 वेंटिलेटर' मामले की हो न्यायिक जांच: पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 4 अप्रैल 2020 को गुजरात के मुख्यमंत्री इस संकट काल में पहली बार गांधीनगर से अहमदाबाद पहुंचे और सिविल अस्पताल में धमन-1 का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इसे वेंटिलेटर बताया और इसकी निर्माता कंपनी ‘ज्योति सीएनसी और इसके मालिक की खूब तारीफ की।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में ‘धमन-1 वेंटिलेटर’ के इस्तेमाल और उसके कथित तौर पर फर्जी पाए जाने के मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि यह लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ विषय है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि ‘मुख्यमंत्री विजय रूपाणी इस मशीन को बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई करने के बजाय उसकी तारीफ क्यों कर रहे हैं?’ खेड़ा ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘4 अप्रैल 2020 को गुजरात के मुख्यमंत्री इस संकट काल में पहली बार गांधीनगर से अहमदाबाद पहुंचे और सिविल अस्पताल में धमन-1 का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इसे वेंटिलेटर बताया और इसकी निर्माता कंपनी ‘ज्योति सीएनसी और इसके मालिक की खूब तारीफ की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में सीएसआर के तहत ज्योति सीएनसी ने 1,000 धमन-1 नामक मशीनें दी। 15 मई 2020 को उसी अस्पताल के अधीक्षक ने सरकार को सूचित किया कि एनेस्थीसिया विभाग के अनुसार उक्त वेंटिलेटर मरीजों पर कामयाब नहीं है एवं तुरंत प्रभाव से अस्पताल को वेंटिलेटर दिए जाएं।’’ खेड़ा के मुताबिक अब यह पता चला है कि धमन-1 नामक मशीन वेंटिलेटर है ही नहीं, बल्कि ‘एंबू बैग’ (आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट बैग) है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात सरकार की ओर से प्रचार किए जाने के कारण कई राज्यों एवं अस्पतालों ने इसे वेंटिलेंटर समझकर खरीदने का ऑर्डर भी दे दिया था। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने इस कथित वेंटिलेटर की सच्चाई सामने आने के बाद इसकी खरीद का ऑर्डर रद्द करने का फैसला किया है।
खेड़ा ने कहा, ‘‘ अगर हम 25 मार्च 2020 और 18 मई 2020 के दौरान के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि सिविल अस्पताल में 338 मरीज उपचार के बाद ठीक हुए, वहीं 343 की मृत्य हो चुकी है। यह आंकड़ा दूसरे अस्पतालों के मुकाबले ज्यादा है। यह वही अस्पताल है जहां धमन-1 का सर्वाधिक उपयोग हुआ।’’ उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘इस वेंटिलेटर को बनाने वाली कंपनी ज्योति सीएनसी में उस विरानी परिवार की बड़ी हिस्सेदारी है जिसने प्रधानमंत्री को 10 लाख रुपये का बहुचर्चित सूट भेंट किया था।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले की तत्काल न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि यह लोगों की जिंदगी से जुड़ा मामला है।
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— Congress Live (@INCIndiaLive) May 23, 2020
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