कांग्रेस ने साधा मोदी पर निशाना, कहा- राफेल की हर परीक्षा में फेल हुए प्रधानमंत्री

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[email protected] । Jan 3 2019 6:54PM

सिंघवी ने पूछा, ‘‘ऑफसेट अनुबंध उसे क्यों दिया गया जिसने कभी कागज वाला जहाज भी नहीं बनाया?’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘राफेल मुद्दा आज हर आदमी के जेहन में है।

नयी दिल्ली। राफेल मामले में राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी बहस और ‘ओपन बुक परीक्षा’ की चुनौती दिए जाने के बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री राफेल से जुड़ी हर परीक्षा में फेल हो चुके हैं।  कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली अब इस सरकार के ‘डिफेंसिव मिनिस्टर’ बन गए हैं। प्रधानमंत्री जी राफेल की हर परीक्षा में फेल हो गए हैं। वह लोगों को ‘एक्जाम वॉरियर’ के बारे में किताब लिखकर सिखाते हैं। आज एक्जाम वॉरियर एक्जाम छोड़कर खुद भाग रहे हैं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को राफेल मामले में सीधी बहस की चुनौती दी थी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के राफेल मामले पर लोकसभा में दिए भाषण का उल्लेख करते हुए सिंघवी ने कहा, ‘‘जेटली ने खुद माना 36 राफेल विमानों की खरीद का सौदा 36 हजार करोड़ रुपये का है। इस हिसाब से एक विमान की कीमत 1600 करोड़ रुपये हुई। इसका मतलब यह है कि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वो विमान 1600 करोड़ रुपये की कीमत में खरीदे जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें विमानों की तत्काल जरूरत थी और विमान संप्रग सरकार के समय की तुलना में सस्ते मिल रहे थे तो फिर विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों की गई? प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का प्रावधान क्यों बदला गया?’’

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सिंघवी ने पूछा, ‘‘ऑफसेट अनुबंध उसे क्यों दिया गया जिसने कभी कागज वाला जहाज भी नहीं बनाया?’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘राफेल मुद्दा आज हर आदमी के जेहन में है। जब 30 हजार करोड़ रुपये एक निजी कारपोरेट को दे दिए जाएंगे तो हमें और आप को फर्क क्यों नहीं पड़ेगा?’’ अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए सिंघवी ने कहा, ‘‘हाल के समय में तीन रिपोर्ट सामने आई हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल में बैंक जालसाजी के मामलों में 72 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। क्या यह सरकार आरबीआई के गवर्नर को फिर बदलेगी?’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रा लोन का एनपीए दोगुना हो गया है। क्या यही वजह है कि अब सरकार के लोगों की तरफ से मुद्रा लोन पर ज्ञान सुनने को नहीं मिलता? एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक निवेश पिछले 14 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर है।’’

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