मोदी सरकार में राज्य सरकारों की मोहताज बन गईं पंचायती राज संस्थाएं: कांग्रेस
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पंचायती राज व्यवस्था को ‘व्यवस्थित ढंग से खत्म करने’ का आरोप लगाया और कहा कि आज की स्थिति में पंचायती राज संस्थाएं धन के लिए राज्य सरकारों की मोहताज हो गई हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पंचायती राज व्यवस्था को ‘व्यवस्थित ढंग से खत्म करने’ का आरोप लगाया और कहा कि आज की स्थिति में पंचायती राज संस्थाएं धन के लिए राज्य सरकारों की मोहताज हो गई हैं। पार्टी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाने के लिए 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरएसएस वाली सोच' को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 'राहुल गांधी के संकल्प' से यह सपना पूरा होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पुनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले चार वर्षों में मोदी सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को व्यवस्थित ढंग से खत्म किया है। आज के समय में पंचायती राज संस्थाओं के पास धन नहीं हैं। वे धन के लिए राज्य सरकारों की मोहताज हो गई हैं।’’ पार्टी प्रवक्ता सुष्मिता देव ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री की ‘आरएसएस वाली सोच' महिला आरक्षण के रास्ते में रुकावट पैदा कर रही है।’’ उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'राहुल गांधी के प्रस्ताव से लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण का सपना पूरा होगा।' पुनिया ने मीडिया में आई एक खबर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 15 लाख रुपये देने का जो चुनावी वादा किया था, वो सूचना के दायरे में नहीं आता है। यह सूचना के दायरे में क्यों नहीं आता, ये उनको बताना चाहिए।’’
उन्होंने कहा,‘‘जिन वादों के आधार पर भाजपा सत्ता में आई उनमें 15 लाख रुपये का वादा प्रमुख था। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया था कि अच्छे दिन आएंगे। किसानों को राहत देने और हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया गया था। इन वादों के बारे में भाजपा को जवाब देना होगा।पुनिया ने भारत के पिछड़ेपन के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश को जिम्मेदार ठहराने संबंधी बयान देने के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को आड़े हाथ लेते हुए आज कहा कि बेहतर होता, यदि वह इन पिछड़े राज्यों के विकास का ब्लूप्रिंट सामने रखते। उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग के सीईओ बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को पिछड़ा हुआ बता रहे है। यह सच है कि ये राज्य कई मानकों पर पिछड़े हैं, लेकिन अच्छा होता कि वह इस तरह के बयान देने की बजाय इन राज्यों के विकास के लिए किसी ब्लूप्रिंट के साथ सामने आते।’’
पुनिया ने कहा, ‘‘इन राज्यों को पहले ‘बीमारू’ कहा जाता था। यह भी सच है कि इनमें कई राज्यों में पिछले कई वर्षों से भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकारें हैं। इन राज्यों के पिछड़ेपन के लिए भाजपा को भी जवाब देना चाहिए।’’।खबरों के मुताबिक कल जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ कांत ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है।
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