कांग्रेस अगली सरकार के गठन में केंद्र बिंदु होगी: सुरजेवाला

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बसपा प्रमुख मायावती की प्रधानमंत्री की दावेदारी के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी को अपना मत रखने की आजादी है। आखिर में संख्या बल निर्णय करेगा। जिसके साथ संख्या बल होगा उसके साथ दूसरे साथी हाथ से हाथ पकड़कर चलेंगे।

नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अपने आखिरी दौर में पहुंचने के साथ कुछ विपक्षी नेताओं की गैर भाजपा दलों को एकजुट करने की कवायद की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी पार्टी के सबसे बड़े राजनीतिक दल के तौर पर उभरने की उम्मीद जताते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अगली सरकार के गठन में केंद्र बिंदु होगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश का नेतृत्व करने के लिए राहुल गांधी सही व्यक्ति हैं, हालांकि कांग्रेस अगली सरकार के नेतृत्व पर साथी दलों के साथ बातचीत के जरिए निर्णय करेगी। गौरतलब है कि कल पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा इस संबंध में दिए गए एक बयान के बाद कांग्रेस में एक नयी बहस शुरू हो गयी थी।

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दरअसल, आजाद ने बुधवार को पटना में कहा था कि अच्छा होगा अगर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार चलाने के लिये कांग्रेस नेता के नाम पर आम सहमति बने लेकिन ‘‘हम इसे कोई मुद्दा नहीं बनाने जा रहे कि अगर हमें (कांग्रेस को) प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की पेशकश नहीं की गयी तो हम (कांग्रेस) किसी और (नेता) को प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे।’’ तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेख्रर राव और कुछ अन्य नेताओं की मुलाकात के सवाल पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ केसीआर जी का हम सम्मान करते हैं। लेकिन वह क्या कर रहे हैं? क्या वह ऐसा करके (गैर भाजपा और गैर कांग्रेस सरकार बनाने की कवायद) मोदी जी की मदद तो नहीं कर रहे हैं?’’

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उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस सामने आएगी। ऐसे में कांग्रेस को सरकार के गठन से अलग नहीं रखा जा सकता। कांग्रेस अगली सरकार का केंद्र बिंदु होगी। मेरा मानना है कि इसी वजह से एम के स्टालिन ने केसीआर को मेहमान के तौर पर सम्मान दिया, लेकिन उनके राजनीतिक सुझाव को नकार दिया।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ इस देश की जनता जो भी निर्णय करेगी कांग्रेस और विपक्षी दल उस पर अमल करेंगे। जहां तक संख्या बल का सवाल है तो हम सबसे बड़ा राजनीतिक दल होंगे। कांग्रेस उदार हृदय से सभी राजनीतिक दलों से बात कर प्रजातंत्रिक सरकार का गठन करेगी।’’

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यह पूछे जाने पर क्या कि भाजपा विरोधी गठबंधन की सरकार का नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे तो सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ राहुल जी ने अपने नेतृत्व को जिस प्रकार से पिछले पांच वषों में निखारा है, जिस प्रकार से जनता की पीड़ा को उठाया है, जिस प्रकार से लोगों की आवाज बुलंद की है, वो अपने आप में एक अनूठी मेहनत, लगन और प्रयास का परिणाम है। आज उनके विरोधी भी मानते हैं कि उनके अंदर पूरी मेहनत और लगन से काम करने की क्षमता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि ऐसे व्यक्ति (राहुल) देश का नेतृत्व करने के लिए सही हैं। परंतु हम दूसरों दलों से वार्तालाप करेंगे। राहुल जी ने खुद कहा है कि जनता मालिक है और उसका जो भी निर्णय होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा।’’

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बसपा प्रमुख मायावती की प्रधानमंत्री की दावेदारी के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी को अपना मत रखने की आजादी है। आखिर में संख्या बल निर्णय करेगा। जिसके साथ संख्या बल होगा उसके साथ दूसरे साथी हाथ से हाथ पकड़कर चलेंगे। मायावती जी का राहुल जी और सोनिया जी बहुत सम्मान करते हैं। मायावती जी भी बहुत सम्मान करती हैं। थोड़े-बहुत जो वैचारिक मतभेद हैं वो प्रजातंत्र में स्वाभाविक हैं।’’ चुनाव बाद संप्रग का विस्तार होने की उम्मीद जताते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ 2014 के चुनाव के बाद भी बहुत सारे साथी हमसे जुड़े और 2019 के इस चुनाव के बाद और विस्तार होगा क्योंकि हम सबके लिए दल से बड़ा देश है। दल अपने व्यक्तिगत अभिलाषा छोड़कर साथ आएंगे।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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