Covaxin में गाय के बछड़े का सीरम: कांग्रेस का सवाल, भाजपा का पलटवार, सरकार ने दी सफाई
संबित पात्रा ने कहा आज हम सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पूछना चाहते हैं कि आप तीनों बताएं कि आपने वैक्सीन का अपना पहला और दुसरा डोज कब लिया या लिया ही नही। गांधी परिवार को कोवैक्सीन पर विश्वास है, या नहीं। ये सवाल केवल भाजपा का नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान का है।
भारत में बने कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस के नेशनल कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने दावा किया है कि कोवैक्सीन बनाने में गाय के बछड़े का सीरम इस्तेमाल किया जाता है। उनके दावे में यह भी कहा गया कि 20 दिन से कम के बछड़े की हत्या की जाती है। इसके साथ ही गौरव पांधी ने एक आरटीआई के जवाब के दस्तावेज को भी शेयर किया। इसी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार से जवाब मांगा है। कांग्रेस के इस दावे पर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि आज कांग्रेस ने महापाप किया है, क्योंकि जिस प्रकार का भ्रम भारत में निर्मित कोवैक्सीन को लेकर आज कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया और प्रेस कांफ्रेंस करके उनके प्रवक्ता पवन खेड़ा ने फैलाया है, वो महापाप है। We would like the government and Bharat Biotech to respond to the reply that has come in the RTI, then we will give a detailed response on it: Congress spokesperson Pawan Khera on recent tweets by Congress social media workers on Covaxin pic.twitter.com/wpYsUYCyMY वैज्ञानिक समुदाय और स्वास्थ्य मंत्रालय का इस विषय को लेकर स्पष्टीकरण स्पष्ट रूप से कहता है कि कोवैक्सीन में बछड़े या गाय का खून नहीं है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। जिस प्रकार एक सांप्रदायिक एंगल देकर इसे अपभ्रंशित करने की कोशिश की जा रही है ऐसा कोई भी अपभ्रंश नहीं है: संबित पात्रा https://t.co/A0uRYtq2xS
संबित पात्रा ने कहा कि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा और कांग्रेस के सोशल मीडिया के नेशनल कन्वीनर गौरव पांधी आक्षेप लगाया है कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम होता है। सोशल मीडिया पर यहां तक कहा गया कि गाय और बछड़े को मारकर ये वैक्सीन तैयार किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय और वैज्ञानिकों ने साफ तौर कहा है कि कोवैक्सीन में किसी भी प्रकार का गाय या बछड़े का सीरम नहीं मिला हुआ है। यह वैक्सीन पूर्णतः सेफ है और इसमें किसी भी प्रकार का अपभ्रंश नहीं है। कांग्रेस 2 बातों के लिए याद रखी जाएगी, वैक्सीन के बारे में संदेह उत्पन्न करने के लिए और वैक्सीन को बर्बाद करने के लिए।
संबित पात्रा ने कहा आज हम सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पूछना चाहते हैं कि आप तीनों बताएं कि आपने वैक्सीन का अपना पहला और दुसरा डोज कब लिया या लिया ही नही। गांधी परिवार को कोवैक्सीन पर विश्वास है, या नहीं। ये सवाल केवल भाजपा का नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान का है।
सरकार की सफाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी करके कहा कि सोशल मीडिया की कुछ पोस्ट में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर एवं अनुचित ढंग से पेश किया गया है कि स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम है। मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वेरो कोशिकाएं तैयार करने और उनके विकास के लिए ही किया जाता है। गोवंश तथा अन्य पशुओं से मिलने वाला सीरम एक मानक संवर्धन संघटक है जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में वेरो कोशिकाओं के विकास के लिए किया जाता है। वेरो कोशिकाओं का उपयोग ऐसी कोशिकाएं बनाने में किया जाता है जो टीका उत्पादन में मददगार होती हैं। पोलियो, रैबीज और इन्फ्लुएंजा के टीके बनाने के लिए इस तकनीक का दशकों से इस्तेमाल होता आ रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वेरो कोशिकाओं के विकसित होने के बाद उन्हें पानी और रसायनों से अच्छी तरह से अनेक बार साफ किया जाता है जिससे कि ये नवजात बछड़े के सीरम से मुक्त हो जाते हैं। इसके बाद वेरो कोशिकाओं को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाता है ताकि वायरस विकसित हो सके। इस प्रक्रिया में वेरो कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं। इसके बाद विकसित वायरस को भी नष्ट (निष्प्रभावी) और साफ किया जाता है। नष्ट या निष्प्रभावी किए गए वायरस का इस्तेमाल अंतत: टीका बनाने के लिए किया जाता है। बयान के मुताबिक अंतिम रूप से टीका बनाने के लिए बछड़े के सीरम का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। उसने कहा, ‘‘अत: अंतिम रूप से जो टीका (कोवैक्सीन) बनता है उसमें नवजात बछड़े का सीरम कतई नहीं होता और यह अंतिम टीका उत्पाद के संघटकों में शामिल नहीं है।
There have been some social media posts regarding composition of the COVAXIN where it has been suggested that COVAXIN contains the newborn calf serum. Facts have been twisted and misrepresented in these posts: Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/F4twaqut6y
— ANI (@ANI) June 16, 2021
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