छत्तीसगढ़ में योजनाबद्ध तरीके से कराया जा रहा धर्मान्तरण ! भाजपा सांसद अरुण साव ने संसद में उठाया मुद्दा

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अरुण साव ने लोकसभा में कहा कि छत्तीसगढ़ अत्यंत भोले- भाले, सहज, सरल लोगों का प्रदेश है। जिसे अलग राज्य का दर्जा 01/11/2000 को प्राप्त हुआ है। यह प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भाजपा सांसद अरुण साव लगातार जनता के बीच सक्रिय रहते हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कामकाज पर लगातार सवाल उठाते हैं। इन सब के बीच संसद सत्र के दौरान अरुण साव ने एक ऐसा मुद्दा उठाया जो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। बिलासपुर सांसद अरुण साव ने लोकसभा में छत्तीसगढ़ में योजनाबद्ध तरीके से चल रही मतांतरण, धर्मांतरण की गतिविधियों का मामला उठाया और केंद्र सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की। सांसद अरुण साव ने लोकसभा में नियम 377 के तहत राज्य में हो रहे मतांतरण/धर्मान्तरण का मुद्दा उठाया। 

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अरुण साव ने लोकसभा में कहा कि छत्तीसगढ़ अत्यंत भोले- भाले, सहज, सरल लोगों का प्रदेश है। जिसे अलग राज्य का दर्जा 01/11/2000 को प्राप्त हुआ है। यह प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। राज्य के बस्तर और सरगुजा संभाग में आदिवासी समुदाय के लोग बहुतायत में रहते हैं। छत्तीसगढ़ के भोले-भाले सहज, सरल लोगों को प्रलोभन आदि के माध्यम से मतांतरित /धर्मान्तरित करने का योजनाबद्ध अभियान चलाया जा रहा है। सांसद साव ने केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य में तेजी से हो रहे  मतांतरण/धर्मान्तरण की गतिविधियों को संज्ञान में लेकर इस पर रोक लगाने की मांग की ।

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