सहकारी मॉडल ही भारत में सर्वांगीण और समावेशी विकास हासिल करने में उपयोगी: अमित शाह

Amit Shah

गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की विभिन्न परियोजनाओं का यहां उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सहकारी मॉडल में हर किसी को समृद्ध बनाने की क्षमता है और अमूल की तरह सफल सहकारी मॉडल की संख्या बढ़ाने तथा उन्हें संगठित करने की आवश्यकता है।

गांधीनगर। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आर्थिक विकास का सहकारी मॉडल ही भारत की 130 करोड़ आबादी के सर्वांगीण और समावेशी विकास हासिल करने में उपयोगी साबित होगा। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की विभिन्न परियोजनाओं का यहां उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सहकारी मॉडल में हर किसी को समृद्ध बनाने की क्षमता है और अमूल की तरह सफल सहकारी मॉडल की संख्या बढ़ाने तथा उन्हें संगठित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अमूल को ऑर्गेनिक खेती के लिए भी ऐसा ही मॉडल लाने का सुझाव दिया ताकि अधिक किसानों को यह अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके, क्योंकि उर्वरकों से मृदा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है और कैंसर जैसी बीमारियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए देश की 130 करोड़ की आबादी के लिए सहकारी मॉडल को सबसे अच्छा आर्थिक मॉडल बताया था। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘सभी का विकास करना और 130 करोड़ की आबादी वाले देश में इसे आगे ले जाना एक मुश्किल काम है।’’ उन्होंने कहा कि कौन सा आर्थिक मॉडल इस देश की आवश्यकताओं के अनुसार उपयोगी सिद्ध होगा, यह एक बड़ा मुद्दा है और कई पंडित (विद्वान) नाकाम भी हो चुके हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 75 साल बाद देश ने कई नियमों को देखा, देश के प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए इस मॉडल को परखा और पाया कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश के सर्वांगीण, समावेशी विकास के लिए कोई आर्थिक मॉडल है, तो वह केवल सहकारी मॉडल है।’’ शाह ने कहा कि उनका मानना है कि सरकारिता के क्षेत्र में हर किसी को समृद्ध बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘‘सहकारिता ही इकलौता क्षेत्र है जिसमें अर्थव्यवस्था को नयी गति देने और सभी को समृद्ध बनाने की क्षमता है तथा अमूल इसका जीता जागता उदाहरण है कि जब 36 लाख महिलाएं (डेयरी किसान) एक साथ मिलकर काम करती हैं तो पारदर्शिता के साथ क्या कुछ हासिल किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक तरीके से अमूल का मॉडल महिला सशक्तिकरण का सबसे सफल प्रयोग है। मैं महिला सशक्तिकरण के नाम से एनजीओ चलाने वाले लोगों से इसके बजाय बेहतर महिला सशक्तिकरण हासिल करने के लिए सहकारी सोसायटी चलाने का अनुरोध करूंगा।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमूल के बिना भारत की दूध की आवश्यकताओं को पूरा करना असंभव है। अमूल का गुजरात के बाहर विस्तार करना स्वागत योग्य कदम है क्योंकि अन्य राज्यों के डेयरी किसानों को भी उनके उत्पाद के लिए सही कीमत मिलने की आवश्यकता है। शाह ने अमूल प्राधिकारियों को ऐसा मॉडल विकसित करने का भी सुझाव दिया ताकि यह सुनिश्चित हो कि किसान ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती पद्धतियों को अपनाएं, जिससे उन्हें अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि केंद्र ऐसे प्रयास का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट,उत्पादन में कमी और उर्वरकों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य को हुए नुकसान के कारण देश बहुत बड़े संकट का सामना कर रहा है तथा अधिक से अधिक किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाने होंगे। शाह ने कहा कि कई प्रगतिशील किसान पहले ही ऑर्गेनिक या प्राकृतिक खेती करने लगे हैं। गुजरात में दो लाख से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती की पद्धतियों को अपनाया है, जिसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन किसानों को उनके ऑर्गेनिक उत्पाद के लिए सही दाम नहीं मिल रहा है, जबकि दुनिया में ऐसी व्यवस्थाएं हैं, जहां उन्हें कहीं बेहतर दाम मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऑर्गेनिक उत्पादों और वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियां तथा जांच सुविधाएं विकसित करने के लिए बुनियादी ढांचों को अपनाकर उपभोक्ताओं का विश्वास जीता जाता है, तो ऑर्गेनिक खेती बढ़ेगी। जीसीएमएमएफ ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अमूलफेड डेयरी द्वारा स्थापित नया मिल्क पाउडर संयंत्र एशिया की सबसे बड़ी पूरी तरह स्वचालित डेयरी है। केंद्रीय मंत्री ने अमूल मक्खन के नए संयंत्र और अमूलफेड डेयरी में नयी रोबोटिक उच्च प्रौद्योगिकी वाली भंडारण सुविधा का भी उद्घाटन किया।

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