कोरोना वायरस: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की वृहद योजना बना रहा है भारत
ऑपरेशन राहत’ के तहत भारत 2015 में संघर्ष ग्रस्त यमन से 41 देशों के नागरिकों समेत 6,700 लोगों को वापस लाया था। नौसेना ने इस अभियान के लिए आईएनएस जलाश्व और दो अन्य पोतों कोचिह्नित किया गया है।
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ऑपरेशन राहत’ के तहत भारत 2015 में संघर्ष ग्रस्त यमन से 41 देशों के नागरिकों समेत 6,700 लोगों को वापस लाया था। नौसेना ने इस अभियान के लिए आईएनएस जलाश्व और दो अन्य पोतों कोचिह्नित किया गया है। आईएनएस जलाश्व तलाश एवं बचाव अभियान के अलावा महत्वाकांक्षी अभियानों को पूरा करने में सक्षम है। वह 1,000 लोगों को लाने की क्षमता रखता हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना भी इस अभियान के लिए अपने कई विमानों को तैयार कर रही है। यह अभियान लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आरंभ किया जाएगा। लॉकडाउन तीन मई को समाप्त होगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाएगी या नहीं।
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सूत्रों ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता खाड़ी देशों से भारतीयों को वापस लाने की होगी, जिसके बाद यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से लोगों को वापस लाया जाएगा। यह तत्काल स्पष्ट नहीं है कि सरकार कितने भारतीयों को वापस लाने की योजना बना रही है। भारत सरकार ने लॉकडाउन समाप्त होने तक विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस नहीं लाने का फैसला किया है। खाड़ी देशों में करीब 80 लाख भारतीय रहते हैं और कोरोना वायरस के कारण उनकी आजीविका को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि इस क्षेत्र की तेल आधारित अर्थव्यवस्था इस वैश्विक महामारी के कारण चरमरा गई है।
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