झारखंड में एक अक्टूबर से वन्यप्राणियों की गिनती शुरू होगी: वन अधिकारी

Jharkhand Wildlife counting
प्रतिरूप फोटो

पलामू बाघ आरक्ष (पीटीआर) के उपनिदेशक कुमार आशीष ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पलामू आरक्ष में दो, रांची, हजारीबाग और दलमा (पूर्वी सिंहभूम) में एक-एक वन्यप्राणी अभयारण्य हैं, जहां ट्रैप कैमरे तथा मल के जरिए वन्यप्राणियों की गणना वैज्ञानिक पद्धति द्वारा होगी।

झारखंड में वन्यजीवों की आधिकारिक गणना एक अक्टूबर से शुरू होगी और पूरी प्रकिया 31 दिसंबर तक संपन्न होगी। पलामू बाघ आरक्ष (पीटीआर) के उपनिदेशक कुमार आशीष ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन माह में राज्य के 31 प्रादेशिक (टेरिटोरियल) वन क्षेत्रों में और पांच वन्यप्राणी अभयारण्य में वन्य प्राणियों की गणना होनी है।

उन्होंने बताया कि पलामू आरक्ष में दो, रांची, हजारीबाग और दलमा (पूर्वी सिंहभूम) में एक-एक वन्यप्राणी अभयारण्य हैं, जहां ट्रैप कैमरे तथा मल के जरिए वन्यप्राणियों की गणना वैज्ञानिक पद्धति द्वारा होगी।

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इसके लिए तैयारी अंतिम चरण में है। उपनिदेशक ने बताया कि बाघ, हाथी, भालू, चीता, लकङबग्घा, हिरण जैसे जंगली जानवरों की गिनती प्रत्यक्ष एवं ट्रैप कैमरे की मदद से होगी। आशीष ने बताया कि पीटीआर के मेदिनीनगर मुख्यालय में इस कार्य के लिए आज से तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ, जिसमें वन्यप्राणियों की गणना से जुड़े वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद वनकर्मियों को उनके चिह्नित वन क्षेत्र के स्थलों में भेजा जाएगा और गणना प्रक्रिया की निगरानी वरिष्ठ वन अधिकारी स्वयं करेंगे।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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