अदालत ने 2018 के लूट के एक मामले में आरोपी को बरी किया

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अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि, जांच अधिकारी ने फोन करने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और उसे मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह नहीं बनाया गया। इसलिए अभियोजन पक्ष अपनी कहानी को साबित नहीं कर पाया।’’

दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को लूटपाट के आरोपों से बरी करते हुए कहा कि पुलिस ने दोषपूर्ण जांच की और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाए गए।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में ‘‘बुरी तरह विफल’’ रहा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल अहलावत आरोपी वेद प्रकाश के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे जिस पर 12 मई 2018 को उत्तरपूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार में एक बस स्टैंड के समीप शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन और पर्स लूटने का आरोप लगाया गया था। अ

दालत ने 18 अक्टूबर को सुनाए फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता और उसके मित्र के अनुसार किसी के पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में फोन करने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।

अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि, जांच अधिकारी ने फोन करने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और उसे मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह नहीं बनाया गया। इसलिए अभियोजन पक्ष अपनी कहानी को साबित नहीं कर पाया।’’

उसने कहा, ‘‘साथ ही अभियोजन यह भी साबित नहीं कर पाया कि आरोपी से बरामद मोबाइल फोन शिकायतकर्ता का था इसलिए रिकॉर्ड में उपलब्ध सामग्री के आधार पर आरोपी को मौजूदा मामले में लगाए आरोपों में दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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