सलमान खुर्शीद की पुस्तक का मामला: अदालत का एकतरफा रोक लगाने से इनकार

Salman Khurshid

अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश प्रीति परेवा ने कहा, ‘‘अदालत की राय में, पहली नजर में या ऐसा कोई अप्रत्याशित मामला नहीं बनता है जिसमें एकतरफा अंतरिम आदेश दिया जाए। इसलिए एकतरफा अंतरिम आदेश के अनुरोध को इस चरण में खारिज किया जाता है।’’

नयी दिल्ली|  दिल्ली की एक अदालत ने समाज के एक बड़े वर्ग की भावनाओं को कथित रूप से आहत करने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री पर रोक का निर्देश देने के अनुरोध वाले एक वाद में एकतरफा निर्देश देने से बुधवार को इनकार कर दिया।

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इस मामले को लेकर अदालत में याचिका दायर की है। अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश प्रीति परेवा ने याचिका की विचारणीयता पर जिरह के लिए 18 नवंबर की तिथि तय की।

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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत की राय में, पहली नजर में या ऐसा कोई अप्रत्याशित मामला नहीं बनता है जिसमें एकतरफा अंतरिम आदेश दिया जाए। इसलिए एकतरफा अंतरिम आदेश के अनुरोध को इस चरण में खारिज किया जाता है।’’ अदालत ने कहा कि लेखक और प्रकाशक को किताब लिखने तथा प्रकाशित करने का अधिकार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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