आप के पूर्व विधायकों की याचिका पर अदालत ने स्पीकर और आयोग से मांगा जवाब
आप के पूर्व विधायकों ने दलबदल रोधी कानून के तहत अपनी अयोग्यता को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत ने इससे पहले उनकी वे याचिकाएं खारिज कर दी थी, जिसके जरिये उन्होंने अपने खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही से विधानसभा अध्यक्ष को अलग रखने की मांग की थी।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक अनिल बाजपेयी और देवेंद्र सहरावत की याचिकाओं पर सोमवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा। आपके इन दोनों पूर्व विधायकों ने उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के कार्यालय, निर्वाचन आयोग और शिकायतकर्ता--आप विधायक सौरभ भारद्वाज--को नोटिस जारी किए। बहरहाल, पीठ ने मामले की सुनवाई 20 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
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आप के पूर्व विधायकों ने दलबदल रोधी कानून के तहत अपनी अयोग्यता को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत ने इससे पहले उनकी वे याचिकाएं खारिज कर दी थी, जिसके जरिये उन्होंने अपने खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही से विधानसभा अध्यक्ष को अलग रखने की मांग की थी। अदालत ने कहा था कि उसे इन अपीलों पर विचार करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। गौरतलब है कि एकल न्यायाधीश की पीठ ने आठ जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि स्पीकर द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में कोई विसंगति नहीं है और पूर्वाग्रह की भावना से कार्रवाई करने के विधायकों के आरोप को खारिज कर दिया था। साथ ही, यह दलील भी खारिज कर दी कि अयोग्यता पर कार्यवाही से पहले अध्यक्ष को मामले से अलग करने की उनकी अर्जी पर फैसला किया जाए।
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भारद्वाज ने 10 जून को दिल्ली विधानसभा में एक याचिका दी थी और पार्टी के इन दोनों बागी विधायकों (बाजपेयी और सहरावत) को अयोग्य करार देने की मांग की थी। ये दोनों पार्टी (आप) की खुल कर आलोचना करते थे और वे मई महीने में भाजपा में शामिल हो गये थे। स्पीकर ने 17 जून को दोनों विधायकों को नोटिस जारी किया था और उन्हें आठ जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने कहा था।
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