विलय नहीं वाम पार्टियों का पुर्नएकीकरण चाहती है भाकपा

[email protected] । May 17 2016 4:52PM

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कम्युनिस्ट और वाम पार्टियों की एक एकल इकाई के तहत पुर्नएकीकरण का समर्थन किया है हालांकि कहा कि इसे विलय नहीं कहा जायेगा।

हैदराबाद। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कम्युनिस्ट और वाम पार्टियों की एक एकल इकाई के तहत पुर्नएकीकरण का समर्थन किया है हालांकि कहा कि इसे विलय नहीं कहा जायेगा। भाकपा महासचिव सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने बताया, ‘‘हमारी पार्टी कम्युनिस्ट आंदोलन का पुर्नएकीकरण चाहती है। कम्युनिस्ट आंदोलन का पुर्नएकीकरण विलय से अलग है। विलय का मतलब एक पार्टी का दूसरी पार्टी में शामिल होना है।’’

उन्होंने यहां पर बताया, ‘‘1964 में जिन मुद्दों पर कम्युनिस्ट अलग हुये थे अब वह अप्रासंगिक हो गये हैं। दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों और वाम पार्टियों की गतिविधियों, नीतियों, कार्यक्रमों में कोई अंतर नहीं है। एक इकाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने बताया कि पुर्नएकीकरण को लेकर वह बहुत आश्वस्त हैं लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इसे हासिल करने में कितना समय लगेगा। रेड्डी ने बताया, ‘‘यह दूसरी तरफ (माकपा) के दोस्तों पर निर्भर करता है। सकारात्मक प्रतिकिया के लिए हम धैर्य के साथ प्रतीक्षा को तैयार हैं। जैसा मैं समझता हूं माकपा सहित अन्य वाम पार्टियों के अधिक से अधिक कार्यकर्ता इस तरह के आंदोलन के पुर्नएकीकरण को लेकर सकारात्मक हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमें विश्वास है कि अधिक से अधिक संयुक्त गतिविधियां हमें साथ ला सकती हैं। पार्टियों को एक साथ आने में कुछ प्रकार की स्पष्टता,.. आम सहमति (की जरूरत) होगी.. हम फिर अलग होने के लिए एक नहीं हो सकते। यह (पुर्नएकीकरण) हमेशा के लिये होना चाहिये।’’

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