सामाजिक दूरी बनाना केवल रक्षात्मक विकल्प है: कांग्रेस नेता

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संजय पाटिल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह एक ‘‘रक्षात्मक विकल्प’’ है और रक्षात्मक रह कर मैच नहीं जीता जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने का पुख्ता उपाय नहीं है और डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने आक्रामक कदम उठाने की वकालत की है।

मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता संजय लाखे पाटिल ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सामाजिक दूरी बनाना केवल एक रक्षात्मक विकल्प है और केवल इसके आधार पर मैच नहीं जीता जा सकता। पाटिल ने बुधवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कह कर लोगों को ‘‘गुमराह’’ किया है कि सामाजिक दूरी बनाना और लॉकडाउन (बंद) ही इस महामारी से निपटने का एकमात्र विकल्प है।

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पाटिल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह एक ‘‘रक्षात्मक विकल्प’’ है और रक्षात्मक रह कर मैच नहीं जीता जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने का पुख्ता उपाय नहीं है और डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने आक्रामक कदम उठाने की वकालत की है। पाटिल ने डब्ल्यूएचओ के शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा, ‘‘जीतने के लिए, हमें वायरस पर आक्रामकता से और उसे निशाना बनाने की रणनीति के साथ हमला करना होगा- हर संदिग्ध मामले की जांच करनी होगी, उसे पृथक करना होगा और हर पुष्ट मामले पर नजर रखनी होगी और उसके संपर्क में आए हर व्यक्ति को पृथक करना होगा।’’

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कांग्रेस नेता ने कहा कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अस्पताल कर्मियों की सुरक्षा समेत कई अन्य कदमों के बारे में सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री इस बारे में मौन रहे हैं और उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 के तहत बताए गए निर्देशों का पालन किए बिना 21 दिन का बंद घोषित कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम डब्ल्यूएचओ डीजी के बताए अनुसार आक्रामक रवैया नहीं अपनाते और आपदा प्रबंधन कानून के तहत बताए गए कदम नहीं उठाते तो मुझे डर है कि 21 दिन बाद हालात और बिगड़ जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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