पूर्व सांसद एस सी मिश्रा के खिलाफ अपराधिक अवमानना का मामला मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया
बार के महासचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि बैठक में न्यायमूर्ति चंद्रा के खिलाफ पूर्व में प्राप्त हुई शिकायतों और वर्तमान घटना पर उनकी अदालत का बहिष्कार करने के बारे में चर्चा और निर्णय लिया जायेगा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूर्व सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता एससी मिश्रा के खिलाफ अपराधिक अवमानना की कार्यवाही चलाने के अनुरोध वाला मामला मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की खंडपीठ ने लक्ष्मी सिक्योरिटी गाड्स सर्विसेज फर्म की ओर से नगर निगम से जुड़ी एक निविदा के मामले में दाखिल एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया।
अदालत ने कहा कि मिश्रा का आचरण निंदाजनक और अदालत की गरिमा को गिराने वाला है। अदालत ने कहा कि उन जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता का ऐसा आचरण ठीक नहीं है और इससे नवागंतुक अधिवक्ताओं को भी गलत संदेश जायेगा। यह कहकर पीठ ने मामला मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया ताकि मिश्रा पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही चलाने परविचार किया जा सके।
इस बीच अवध बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि न्यायमूर्ति चंद्रा को तत्काल स्थानांतरित किया जाये। साथ ही अवध बार ने पूरी घटना पर विचार विमर्श के लिए 30 सितंबर केा आपातकाल बैठक बुला ली है।
बार के महासचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि बैठक में न्यायमूर्ति चंद्रा के खिलाफ पूर्व में प्राप्त हुई शिकायतों और वर्तमान घटना पर उनकी अदालत का बहिष्कार करने के बारे में चर्चा और निर्णय लिया जायेगा।
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