नक्सली इलाकों के लिए CRPF और DRDO ने मिलकर बनाई 21 बाइक एंबुलेंस, देगी काफी सुविधाएं
सीआरपीएफ को डीआरडीओ की ओर से विकसित 21 बाइक एंबुलेंस मिली है। सीआरपीएफ प्रमुख ए पी माहेश्वरी ने कहा कि इन बाइक का इस्तेमाल वामपंथी अतिवाद प्रभावित राज्यों और उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बल के बीमार या घायल जवानों को निकालने के लिए किया जाएगा।
नयी दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इक्कीस बाइक एंबुलेंस सोमवार को नक्सली और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में घायलों को निकालने के कार्यों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में शामिल की गईं। रक्षिता एम्बुलेंस डीआरडीओ के तहत आने वाले नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) द्वारा 350 सीसी रॉयल एनफील्ड क्लासिक बाइक पर बनाई गई हैं। सीआरपीएफ प्रमुख ए पी माहेश्वरी ने कहा कि इन बाइक का इस्तेमाल वामपंथी अतिवाद प्रभावित राज्यों और उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बल के बीमार या घायल जवानों को निकालने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन एम्बुलेंसों का उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए उपयोग किया जाएगा, जहां बल तैनात है।
Delhi: CRPF and DRDO launched specially developed RAKSHITA - a bike ambulance to attend to urgent evacuation needs of security personnel in the event of medical emergency/battle injury in naxal affected areas. pic.twitter.com/fvagammoda
— ANI (@ANI) January 18, 2021
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सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बाइक के पीछे बैठने वाली सीट को घायल या बीमार व्यक्ति के लिए सीट में तब्दील किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें हैंड इम्मोबिलाइज़र और हार्नेस जैकेट लगायी गई है। उन्होंने कहा कि घायल या बीमार के महत्वपूर्ण मापदंडों को मापने के लिए चालक के डैशबोर्ड पर लगी एलसीडी के साथ निगरानी एवं स्वत: चेतावनी प्रणाली प्रदान की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन किट और मरीज को सलाइन देने की सुविधान भी दी गई है। उन्होंने बताया कि बल ने इस परियोजना के लिए 35.49 लाख रुपये से अधिक की प्रारंभिक निधि मंजूर की है। देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा के लिए प्रमुख बल सीआरपीएफ को पहली बार फरवरी 2018 में तब बाइक एम्बुलेंस का विचार आया था जब छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तैनात उसकी 85वीं बटालियन के जवानों ने दूरदराज से हताहतों को निकालने के लिए अपनी गश्त बाइक का इस्तेमाल किया।
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इसके बाद, बल ने पूरी तरह से सक्षम और उपकरण-समर्थित बाइक एम्बुलेंस विकसित करने के लिए आईएनएमएस से संपर्क किया। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आईएनएमएएस ने तुरंत इस विचार को वास्तविकता बनाने के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की एक टीम को लगा दिया। टीम ने एक प्रोटोटाइप विकसित किया और क्षेत्रों में तैनात सीआरपीएफ कर्मियों से प्राप्तफीडबैक के साथ उसे और बेहतर बनाया।’’ जानेमाने वैज्ञानिक और डीआरडीओ महानिदेशक (जीवन विज्ञान) ए के सिंहभी यहां लोधी रोड पर सीआरपीएफ मुख्यालय में बाइक एम्बुलेंस सौंपने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मौजूद थे।
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