सीआरपीएफ की कश्मीर स्थित हेल्पलाइन पर 34 हजार से अधिक कॉल आयीं
अधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन से जुड़े सीआरपीएफ कर्मी अन्य कारणों को लेकर भी स्थानीय लोगों के घरों में गए जिसमें हवाई टिकट देना, लोगों को जम्मू कश्मीर के बाहर पढ़ने वाले छात्रों की परीक्षा या साक्षात्कार की तिथि में बदलाव के बारे में सूचित करना तथा कॉल करने वाले व्यक्ति के अनुरोध के आधार पर स्थानीय लोगों को किसी आपात स्थिति के बारे में सूचित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन कर्मियों द्वारा 123 मरीजों को उनके घर पर दवाएं मुहैया करायी गईं जिसमें किडनी से जुड़ी समस्याओं, कैंसर, मधुमेह और अन्य बीमारियों से प्रभावित मरीज शामिल थे।
नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को केंद्र द्वारा समाप्त किये जाने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की श्रीनगर में स्थित हेल्पलाइन पर 34 हजार से अधिक कॉल आयीं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिकतर कॉल ऐसे लोगों की आई थीं जो कश्मीर में रहने वाले अपने परिवार के सदस्यों की कुशलता को लेकर चिंतित थे। अधिकारियों ने बताया कि पांच अगस्त के बाद ‘मददगार’ हेल्पलाइन नम्बर 14411 और कुछ अन्य मोबाइल नम्बरों पर कुल 34,274 कॉल आयीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिकतर कॉल ऐसे लोगों की ओर से की आई जो कश्मीर में रह रहे अपने परिवार एवं रिश्तेदारों की कुशलता और स्थिति के बारे में जानकारी लेना चाहते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘1,227 कॉल आपात स्थिति से जुड़े मामलों को लेकर थीं और इन मामलों में सीआरपीएफ कर्मी कश्मीर में लोगों के घरों तक गए और कॉल करने वाले लोगों और परिवार के बीच सम्पर्क स्थापित करने में मदद की।’’
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अधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन से जुड़े सीआरपीएफ कर्मी अन्य कारणों को लेकर भी स्थानीय लोगों के घरों में गए जिसमें हवाई टिकट देना, लोगों को जम्मू कश्मीर के बाहर पढ़ने वाले छात्रों की परीक्षा या साक्षात्कार की तिथि में बदलाव के बारे में सूचित करना तथा कॉल करने वाले व्यक्ति के अनुरोध के आधार पर स्थानीय लोगों को किसी आपात स्थिति के बारे में सूचित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन कर्मियों द्वारा 123 मरीजों को उनके घर पर दवाएं मुहैया करायी गईं जिसमें किडनी से जुड़ी समस्याओं, कैंसर, मधुमेह और अन्य बीमारियों से प्रभावित मरीज शामिल थे।
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हेल्पलाइन नम्बर कुछ मोबाइल नम्बरों के जरिये भी काम कर रहा था क्योंकि इस अवधि के दौरान संचार पाबंदियों के चलते मानक लैंडलाइन नम्बर 14411 बाधित हो गया था। ‘मददगार’ की शुरूआत सीआरपीएफ द्वारा जून 2017 में देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले कश्मीर घाटी के निवासियों की मदद करने के लिए की गई थी। इसका संचालन श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ के एक शिविर से किया जाता है। यह हेल्पलाइन ट्विटर पर सीआरपीएफमददगार के रूप में संचालित होती है।
Since 5th August, 2019 CRPF Madadgaar (CRPF helpline) handled 34,274 calls (both incoming and outgoing). Majority of the calls were related to people inquiring about the well-being of their family and relatives living in Kashmir and about the situation in general. pic.twitter.com/0LSR3nMiuC
— ANI (@ANI) September 10, 2019
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