मौजूदा स्थिति आयुर्वेद, पारंपरिक चिकित्सा को और लोकप्रिय बनाने के लिए अनुकूल: मोदी
भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है। आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं।
मोदी ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कहा कि वर्तमान स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद...कोरोना संकट के वक्त हमें लोक कल्याण का अवसर नहीं खोना चाहिए। आज युवा आयुर्वेदिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग कर रहे हैं। यह साक्ष्य आधारित चिकित्सा विज्ञान के साथ आयुर्वेद को एकीकृत करने की चेतना है।’’ उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए विभिन्न देशों से छात्र भारत आ रहे हैं और दुनिया के स्वास्थ्य के बारे में सोचने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस संबंध में एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है।Ayurveda is closely linked to the respect Indian culture gives to nature and environment. It could rightly be described as a holistic human science, from the plants to your plates: PM Modi at Global Ayurveda Festival pic.twitter.com/kQooNDv4Ev
— ANI (@ANI) March 12, 2021
इसे भी पढ़ें: किसानों को विपक्ष का पूरा समर्थन नहीं मिल रहा, जांच से डरे हुए हैं नेता: राकेश टिकैत
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार की ओर से मैं आयुर्वेद की दुनिया को पूरा समर्थन देने का भरोसा देता हूं। भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है। आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में ‘ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन’ की स्थापना की भी घोषणा की है। मोदी ने कहा कि ‘ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल’ में 25 देशों की हिस्सेदारी बड़ा संकेत है कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में दिलचस्पी बढ़ रही है। उन्होंने शिक्षाविदों से आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान तेज करने और आयुर्वेदिक उत्पाद के लिए स्टार्ट अप पर ध्यान देने को कहा।
अन्य न्यूज़