मौजूदा स्थिति आयुर्वेद, पारंपरिक चिकित्सा को और लोकप्रिय बनाने के लिए अनुकूल: मोदी

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भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है। आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लोग आयुर्वेद के फायदे और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी भूमिका को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए अनुकूल है। ‘ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल 2021’ के चौथे संस्करण का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति, प्रकृति और पर्यावरण को जो सम्मान देती है, उससे आयुर्वेद का गहरा नाता है। इसे पौधों से लेकर आपकी प्लेटों तक एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है।’’ मोदी ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कहा कि वर्तमान स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद...कोरोना संकट के वक्त हमें लोक कल्याण का अवसर नहीं खोना चाहिए। आज युवा आयुर्वेदिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग कर रहे हैं। यह साक्ष्य आधारित चिकित्सा विज्ञान के साथ आयुर्वेद को एकीकृत करने की चेतना है।’’ उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए विभिन्न देशों से छात्र भारत आ रहे हैं और दुनिया के स्वास्थ्य के बारे में सोचने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस संबंध में एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है। 

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मोदी ने कहा, ‘‘सरकार की ओर से मैं आयुर्वेद की दुनिया को पूरा समर्थन देने का भरोसा देता हूं। भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है। आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में ‘ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन’ की स्थापना की भी घोषणा की है। मोदी ने कहा कि ‘ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल’ में 25 देशों की हिस्सेदारी बड़ा संकेत है कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में दिलचस्पी बढ़ रही है। उन्होंने शिक्षाविदों से आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान तेज करने और आयुर्वेदिक उत्पाद के लिए स्टार्ट अप पर ध्यान देने को कहा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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