तीव्र हो सकता है चक्रवात ‘बुलबुल’, बंगाल की तरफ बढ़ने की आशंका
ऐहतियात के तौर पर, ओडिशा सरकार ने सभी जिला प्रशासनों से चक्रवात की प्रत्येक हलचल पर करीब से नजर रखने को कहा है क्योंकि इसके चलते कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान अगले 24 घंटे में खतरनाक रूप ले सकता है। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ओडिशा से होते हुए पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों की तरफ बढ़ने वाला है।
Odisha State Special Relief Commissioner: All dist administrations of coastal Odisha have been making announcements for fishermen to not go into sea; those who are in sea should return before Nov 7 evening. We've kept our dist admn & Dist Collectors on full alert. #CycloneBulbul https://t.co/XEGWgQcu1G
— ANI (@ANI) November 6, 2019
भुवनेश्वर मौसम केंद्र के निदेशक एच आर बिश्वास के मुताबिक सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा चक्रवात ‘बुलबुल’ फिलहाल पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप से 830 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और ओडिशा के पारादीप से 730 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर है। ऐहतियात के तौर पर, ओडिशा सरकार ने सभी जिला प्रशासनों से चक्रवात की प्रत्येक हलचल पर करीब से नजर रखने को कहा है क्योंकि इसके चलते कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के 30 में से करीब 15 जिलों को संभावित जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात पर करीब से नजर रखी जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसकी सटीक दिशा क्या है और यह कहां दस्तक देगा। उन्होंने कहा, “चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। संभव है कि यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों की ओर उत्तर-उत्तरपश्चिम में बढ़े।”
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साथ ही उन्होंने कहा कि ओडिशा इसके प्रकोप से बच भी सकता है। यह अनुमान राज्य के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो मई में बर्बादी लेकर आए चक्रवात फोनी के बाद से हालात सामान्य होने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। दो हफ्ते पहले, ओडिशा में बारिश से जुड़ी घटनाओं में छह लोगों की मौत हो गई थी। विशेष बचाव आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि गंजम, गजपति, नयागढ़, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक और केंद्रपाड़ा समेत कुल 15 जिलों को किसी प्रकार की आकस्मिकता से निपटने के लिए अपने प्रशासनिक तंत्रों को “पूरी तरह तैयार” रखने को कहा गया है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी मछुआरा आठ नवंबर से लेकर अगला नोटिस आने तक समुद्र में न जाए। किसानों को भी फसलों को बचाने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।
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