डी राजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा क्षेत्रीय भाषाओं में मुहैया कराने का मुद्दा उठाया

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[email protected] । Jul 17 2019 4:20PM

विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।सहमति जताते हुए द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि मसौदा क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इसके लिए एक समिति भी बनाई जानी चाहिए। शिवा ने कहा कि मसौदा नीति का अवलोकन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति को करना चाहिए।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने की मांग की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा क्षेत्रीय भाषाओं में मुहैया कराने का मुद्दा शून्यकाल में भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा ने उठाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में है। यह मसौदा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मुहैया कराया जाना चाहिए। साथ ही राजा ने मांग की कि नयी शिक्षा नीति के बारे में सभी पक्षों तथा जनता की राय जानने के लिए, जुलाई तक की तय समय सीमा छह माह बढ़ाई जानी चाहिए ताकि मसौदे की समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘478 पृष्ठों की सिफारिश है।’’

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राजा ने कहा कि बच्चों और किशोरों से जुड़े कानूनों का मसौदा में उल्लेख नहीं है जबकि यह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मसौदे पर दिल्ली सहित सभी राज्यों से परामर्श लेना चाहिए और उनकी सहमति के बिना मसौदे को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।सहमति जताते हुए द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि मसौदा क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इसके लिए एक समिति भी बनाई जानी चाहिए। शिवा ने कहा कि मसौदा नीति का अवलोकन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति को करना चाहिए।

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