अनंतनाग हमले में आतंकियों की गोली लगने के बाद भी लड़ता रहा ये जांबाज सिपाही
बुधवार को हुई मुठभेड़ के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के अकेले आतंकवादी ने शाम चार बजकर 51 मिनट पर सीआरपीएफ के गश्ती दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान बख्तरबंद गाड़ी से निकलते ही आतंकवादी की ओर से चलाई गई गोली पुलिस निरीक्षक अरशद अहमद खान की बंदूक से टकरा कर उनके जिगर और छोटी आंत में लग गई। जख्मी होने के बाद भी खान ने अपनी राइफल से लगातार गोलीबारी की। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सेना के एक अस्पताल में खान का इलाज चल रहा है और आतंकी हमले के बाद उनकी तेज और साहसी प्रतिक्रिया के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी सराहना की है।
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बुधवार को हुई मुठभेड़ के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के अकेले आतंकवादी ने शाम चार बजकर 51 मिनट पर सीआरपीएफ के गश्ती दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि पांच मिनट के भीतर अनंतनाग के सदर थाने के एसएचओ खान मौके पर पहुंच गए। जैसे ही वह अपनी बख्तरबंद गाड़ी से अपनी राइफल के साथ निकले तो आतंकवादी ने उन पर गोलियां चला दी। एक गोली उनकी राइफल के बट से टकराकर उनके जिगर और छोटी आंत में घुस गई।
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अधिकारियों ने बताया कि इसके बावजूद, अधिकारी ने गिरने से पहले आतंकवादी पर लगातार गोलीबारी की। अपनी पेशेवर प्रतिभा के लिए जाने जाने वाले, खान का 92 बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनकी तैनाती वाले इलाके के करीब 70 लोग वहां उनकी सेहत के बारे में पूछने के लिए इकट्ठा हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि सुबह में सेना के अस्पताल में उन्हें देखने के लिए वरिष्ठ अफसर पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि अगर डॉक्टर इजाजत दें तो उन्हें विमान के जरिए दिल्ली भेजा जा सकता है। अगले 72 घंटे उनके लिए अहम हैं।
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