आधार पर फैसला ऐतिहासिक, कांग्रेस को मुंह छिपाना पड़ रहा है: अरुण जेटली

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[email protected] । Sep 26 2018 8:12PM

उन्होंने कहा, ‘‘आधार कानून की धारा 57 (जिसे उच्चतम न्यायालय ने इसे अवैध करार दिया) कहता है कि विशेष अधिकार के तहत अन्य इकाइयों को आधार के उपयोग की अनुमति दी जा सकती है।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकारी योजनाओं को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने से सरकार को सालाना 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस को मुंह छिपाना पड़ रहा है।जेटली ने कहा कि उन्होंने पूरा फैसला नहीं पढ़ा पर इस बारे में उनकी यह समझ है कि उच्चतम न्यायालय ने कानूनी आधार के अभाव में 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या के मोबाइल फोन कंपनियों जैसी निजी इकाइयों के उपयोग पर रोक लगायी है। 

उन्होंने कहा, ‘‘आधार कानून की धारा 57 (जिसे उच्चतम न्यायालय ने इसे अवैध करार दिया) कहता है कि विशेष अधिकार के तहत अन्य इकाइयों को आधार के उपयोग की अनुमति दी जा सकती है। मैं आपको फैसले के बारे में अपनी सूचना दे सकता हूं। जब तक इसे कानून से समर्थन नहीं मिलता है, यह स्वीकार्य नहीं है।फसैले की भावना यही लगती है।’’ मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि आधार संवैधानिक रूप से वैध है। हालांकि पीठ ने बैंक खातों को आधार से जोड़ने, मोबाइल फोन कनेक्शन तथा स्कूल में दाखिले के लिये विशिष्ट पहचान संख्या की अनिवार्यता खत्म कर दी है।

उच्चतम न्यायालय के निर्णय में आयकर रिटर्न तथा स्थायी खाता संख्या (पैन) से आधार जोड़ने के प्रावधान को बरकरार रखा है।फैसले के बाद आधार को बैंक खातों तथा मोबाइल फोन से जोड़ने की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा यह फैसले को बिना पढ़े पूछा गया प्रश्न है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले फैसले को पढ़ने दीजिए। दो-तीन क्षेत्र प्रतिबंधित हैं। क्या वे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं या उन्हें इसलिए कि उन्हें कानूनी समर्थन की जरूरत है। इसीलिए मैं सामान्य रूप से यही कहूंगा कि इन निजी इकाइयों के मामले में कानूनी समर्थन की जरूरत है। यह मेरी समझ है। मैंने अभी विस्तार से फैसले को नहीं देखा है।’’ उनके सहयोगी और कानून तथा विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अदालत ने यह कहा है कि सभी नागरिकों को आधार देना कानूनी रूप से सही है और इससे निगरानी संभव नहीं है।

जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक निर्णय है और न्यायिक समीक्षा के बाद विशिष्ट पहचान संख्या की पूरी धारणा को स्वीकार किया गया है। यह स्वागत योग्य फैसला है।’’ कांग्रेस के इस आरोप पर कि आधार के निजी उपयोग को हटाना सरकार के चेहरे पर तमाचा है, वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘विपक्षी पार्टी जब सत्ता में थी, उसने बिना विधायी समर्थन और उसके उद्देश्य को स्पष्ट किये बिना पहचान पत्र कार्यक्रम शुरू किया।’’ जेटली ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से कांग्रेस को मुंह छिपाना पड़ रहा है। उन्होंने (आधार का) विचार लाया लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि उन्हें करना क्या था।’’

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