चाहती हूं राम मंदिर पर फैसला अतिशीघ्र हो: उमा भारती

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[email protected] । Sep 27 2018 8:52PM

उन्होंने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि के मुकदमे में तीन सदस्यीय पीठ द्वारा 29 अक्टूबर से सुनवाई का निर्णय किया है, इसका मैं स्वागत करती हूं।

भोपाल। अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को कहा कि वह चाहती हैं कि राम मंदिर का फैसला अतिशीघ्र हो। उमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि राम मंदिर पर फैसला अतिशीघ्र हो। देश का कोई व्यक्ति नहीं चाहेगा कि फैसला देर से आये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां राम मंदिर के अलावा कुछ हो नहीं सकता। वहां की स्थितियां ऐसी ही हैं।’’ मामला अदालत में विचाराधीन होने की तरफ इशारा किये जाने पर उमा ने कहा, ‘‘भव्य निर्माण का रास्ता ही निकलेगा।’’ उन्होंने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि के मुकदमे में तीन सदस्यीय पीठ द्वारा 29 अक्टूबर से सुनवाई का निर्णय किया है, इसका मैं स्वागत करती हूं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अयोध्या पर स्वतंत्र चेतना के साथ बोलती हूं।’’ उमा ने कहा कि राम मंदिर आस्था का विषय है, जब तक जिएंगे नाम लेते रहेंगे। मैं अदालत की अवमानना नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिल में हमेशा से वहां पर भव्य मंदिर बना है। मेरा वश चले तो कल सुबह मंदिर बनवा दूं। लेकिन मर्यादा और नियम के तहत बंधी हूँ।’’ राम मंदिर से समाज की भावना जुड़े होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पक्षकार (इस मुकदमे से जुड़े) अदालत से बाहर सेटलमेंट कर लेते हैं और स्टाम्प पर लिख कर देते हैं तो भी मंदिर जल्द बन जाएगा।

हालांकि, उमा ने कहा, ‘‘जो भी कानून का फैसला आएगा वह मान्य होगा।’’ जब उनसे सवाल किया गया कि क्या राम मंदिर का मुद्दा आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव तक रहेगा, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर एवं चुनाव को जोड़ना नहीं चाहिए। इसकी बजाय हम मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भाजपा नीत सरकारों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन के दौरान देश में हुए विकास पर चुनाव लड़ेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया। यह मुद्दा अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान उठा था।

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