सिख विरोधी दंगे मामलों की जांच अटकी, प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से की हस्तक्षेप की मांग
प्रतिष्ठित नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वह एसआईटी के तीसरे सदस्य के नाम को तत्काल अधिसूचित करने के लिए उच्चतम न्यायालय से कहें।
प्रतिष्ठित नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगे मामलों की जांच की निगरानी के लिए गठित एसआईटी के तीसरे सदस्य के नाम को तत्काल अधिसूचित करने के लिए उच्चतम न्यायालय से कहें। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह, भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता रूपिंदर एस सूरी, राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरुचरण एस गिल और पूर्व विधायक आरपी सिंह शामिल थे।
लेखी ने बताया, ‘‘एसआईटी को दो या तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन एक सदस्य की गैरमौजूदगी में यह काम नहीं कर पा रही है। इसलिए हम भारत के राष्ट्रपति को अभ्यावेदन देने गए थे कि तीसरे सदस्य के नाम को तत्काल अधिसूचित किया जाना चाहिए।’’ पत्र में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय से 1984 के सिख विरोधी दंगे मामलों की जांच की निगरानी के लिए गठित एसआईटी के तीसरे सदस्य के नाम को तत्काल अधिसूचित करने के लिए कहें।
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