दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार बेहद खराब श्रेणी पर पहुंची
राष्ट्रीय राजधानी में स्थानीय स्तर पर प्रदूषकों में ‘काफी कमी’ आने और पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का असर हवा की रफ्तार के कारण ‘मामूली’ रहने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शनिवार को मामूली सुधार हुआ और यह ''बहुत खराब'' की श्रेणी में आ गई।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में स्थानीय स्तर पर प्रदूषकों में ‘काफी कमी’ आने और पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का असर हवा की रफ्तार के कारण ‘मामूली’ रहने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शनिवार को मामूली सुधार हुआ और यह 'बहुत खराब' की श्रेणी में आ गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया गया जो बहुत ‘खराब श्रेणी’ में आता है।
इसमें बताया गया कि दिल्ली में 15 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गयी जबकि 19 इलाकों में प्रदूषण स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 226 जबकि पीएम 10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 331 दर्ज किया गया।
वायु गुणवत्ता सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा, ‘‘दिल्ली के समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है और सभी बाधाओं और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बावजूद इसके 'बहुत खराब' श्रेणी में आने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के कारण भी राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
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