गैस चैम्बर में तब्दील होने की कगार पर दिल्ली, वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब

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[email protected] । Nov 1 2018 1:59PM

अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने के कारण उत्पन्न प्रदूषकों और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण बृहस्पतिवार और शुक्रवार दोनों दिन वायु गुणवत्ता बेहद खराब रहने की आशंका है।

नयी दिल्ली। आस-पड़ोस के इलाकों में पराली जलाए जाने और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब की श्रेणी में प्रवेश के कगार पर पहुंच गई। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 392 दर्ज की गई है जो बेहद खराब की श्रेणी में आती है और यह 400 का आंकड़ा पार करते ही गंभीर रूप से खराब की श्रेणी में पहुंच जाएगी।

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मंगलवार को गंभीर रूप से थी खराब

दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को गंभीर रूप से खराब की श्रेणी में पहुंच गई थी। इसे देखते हुए विनिर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई और कोयला तथा अन्य जैव ईंधनों से चलने वाले उद्योगों के कामकाज पर एक से दस नवंबर तक रोक लगा दी गई। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान का कहना है कि मौजूदा मौसमी हालात प्रदूषकों को हटाने के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं। हवा की कम गति के कारण अगले दो दिन तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

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पराली जलना बड़ा कारण

अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने के कारण उत्पन्न प्रदूषकों और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण बृहस्पतिवार और शुक्रवार दोनों दिन वायु गुणवत्ता बेहद खराब रहने की आशंका है। वायु गुणवत्ता 0-50 के बीच अच्छी मानी जाती है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, 101-200 के बीच सामान्य, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच इसे बेहद गंभीर माना जाता है।

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