दिल्ली पुस्तक मेला: सस्ते से भी ज्यादा सस्ता
दिल्ली में नौ दिनों तक चलने वाला साल का पुस्तक मेला ‘पढ़ने की आदत’ विषय से शुरू हो गया है। बेहद किफायती कीमतों में किताबें मिलने के कारण यह युवाओं के लिए उपयुक्त पुस्तक मेला है।
दिल्ली पुस्तक मेले में टहलते समय आपको रंगीन तख्तियों में ‘सौ की तीन’ और ‘पचास की एक’ किताब की पेशकश मिल सकती हैं। जाहिर है इतने सस्ते प्रस्ताव के बाद पुस्तक मेले में आने वाला कोई भी पुस्तक प्रेमी क्या खाली हाथ लौट सकता है। राजधानी दिल्ली में नौ दिनों तक चलने वाला इस साल का पुस्तक मेला ‘पढ़ने की आदत’ विषय से शुरू हो गया है। बेहद किफायती कीमतों में किताबें मिलने के कारण यह युवाओं के लिए उपयुक्त पुस्तक मेला है।
करीब 20 साल की श्रेया ने कहा, ‘‘मुझे किताबें खरीदने के लिए बड़ी बड़ी होर्डिग्ंस वाले बड़े प्रकाशकों के यहां जाने का तुक नजर नहीं आता। मेरे लिये 100 रुपये में तीन और 50 रुपये में एक किताब खरीदने का प्रस्ताव ज्यादा आकर्षक है।’’ पुस्तक मेले में सभी प्रकाशकों के स्टालों में प्राय: सभी आयु वर्ग के लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। दिल्ली पुस्तक मेले में नियमित तौर पर आने वाली सीमा ने कहा, ‘‘मैं अपना विश्वास नहीं बदल सकती। दरियागंज के किताब बाजार थोड़ा अलग हैं, वहां ‘एस्केप फ्राम रेड चाइना’ की हार्डबाउंड प्रति 100 रुपये से भी कम में मिल जाती है, लेकिन यहां तो लूट मची है।’’ यहां अल्फ्रेड हिचकॉक की इंग्लिश थ्रिलर ‘मास्टर ऑफ सस्पेंस’ या अंग्रेजी उपन्यासकार जॉन आस्टिन की क्लॉसिकल कृतियों को बगैर जेब पर बोझ डाले खरीदा जा सकता है।
पुस्तक मेले में आने वाली एक खुश आगंतुक सोनल शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे अपनी पसंदीदा जोडी पिकॉल्ट की किताब मिल गयी है। इसकी कीमत नहीं पूछिये। मैं यह बताना नहीं चाहती क्योंकि मैं यह बताकर अपने प्रिय लेखक का सम्मान कम नहीं करना चाहती।’’
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