जो अधिकारी नहीं मानेंगे बात उन पर होगी कार्रवाई: मनीष सिसोदिया

Delhi Government is considering legal action on non-compliance bureaucrats
[email protected] । Jul 5 2018 3:03PM

दिल्ली के उप मुख्ममंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नौकरशाहों द्वारा प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन करने से इनकार करना अदालत की अवमानना के समान है और नेतृत्व इस विषय पर कानूनी विकल्प पर विचार कर रहा है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्ममंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नौकरशाहों द्वारा प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन करने से इनकार करना अदालत की अवमानना के समान है और नेतृत्व इस विषय पर कानूनी विकल्प पर विचार कर रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के एक दिन बाद सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों और केंद्र से फैसले का पालन करने की अपील की। उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की सलाह मानने को बाध्य है और वह बाधा डालने वाले नहीं हो सकते।

सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा कि मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर बताया कि सेवा विभाग आदेशों का पालन नहीं करेंगे। अगर वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं और तबादले की फाइलें अब भी उपराज्यपाल देखेंगे तो यह संवैधानिक पीठ की आवमानना होगी। उन्होंने कहा, ‘हम अपने वकीलों से सलाह-मश्विरा कर रहे हैं कि इस स्थिति में क्या किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उपराज्यपाल केवल तीन विषयों में हस्तक्षेप कर सकते हैं जिनमें सेवा विभाग शामिल नहीं हैं।

सिसोदिया ने कहा कि मैं अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र से अपील करता हूं कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करें। उच्चतम न्यायालय के कल ऐतिहासिक फैसले के कुछ घंटे बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादलों और तैनातियों के लिए भी एक नयी प्रणाली शुरू की जिसके लिए मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिया गया है। बहरहाल, सेवा विभाग ने यह कहते हुए आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया कि उच्चतम न्यायालय ने 2016 में जारी उस अधिसूचना को नहीं हटाया जिसमें तबादलों और तैनातियों का अधिकार गृह मंत्रालय को दिया गया था।

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