दिल्ली सरकार कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा बैंक बनाने में जुटी, IABS में किया जा रहा स्थापित

Arvind Kejriwal

मिली जानकारी के मुताबिक, आईएलबीएस के सातवें तल पर यह बैंक स्थापित किया जा रहा है जहां व्यक्ति से कोविड-19 के मरीज को चढ़ाने के लिए प्लाज्मा लिया जाएगा।

नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए अपने तरह के पहले ‘प्लाज्मा बैंक’ स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी और उसके तौर तरीके तैयार किये जा रहे हैं। यह बैंक दिल्ली सरकार द्वारा संचालित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएबीएस) में स्थापित किया जा रहा है तथा डॉक्टरों एवं अस्पतालों को मरीज की जरूरत को देखते हुए प्लाज्मा के लिए यहां संपर्क करना होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह बैंक अगले दो दिनों में काम करने लगेगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इस प्लाज्मा थेरेपी के यहां के अस्पतालों में उत्साहजनक नतीजे सामने आये हैं। 

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सूत्रों ने बताया कि आईएलबीएस के सातवें तल पर यह बैंक स्थापित किया जा रहा है जहां व्यक्ति से कोविड-19 के मरीज को चढ़ाने के लिए प्लाज्मा लिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार प्लाज्मा के लिए शून्य से 80 डिग्री नीचे या उससे भी कम तापमान पर क्रायोजेनिक भंडारण की जरूरत होती है। सूत्र ने कहा, ‘‘दिल्ली स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम कर रहा है, इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक कुछ उपकरण बैंक के वास्ते आ रहे होंगे।’’ 

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दिल्ली सरकार के एक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति 250-500 मिलीलीटर प्लाज्मा दान कर सकता है। हम मरीज को पहले 250 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाते हैं और यदि जरूरत महसूस होती है तो 24 घंटे के बाद और 250 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाते हैं।’’ डॉक्टर ने कहा कि यदि किसी मरीज ने एक बार में 250 मिलीलीटर प्लाज्मा ही दिया है तो वह कुछ दिन बाद फिर 250 मिलीलीटर प्लाज्मा दे सकता है लेकिन प्लाज्मा दान करने वाले को कोई अन्य गंभीर बीमारी न हो।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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