HC ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा, लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को न हो परेशानी

delhi high court

अदालत के आदेश में कहा गया है ‘‘इस हेल्पलाइन नंबर का,समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, दिल्ली पुलिस और अन्य जो माध्यम हो सके, प्रचार किया जाना चाहिए।’’

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं तथा उनके परिवार के लोगों को लॉकडाउन के दौरान कोई परेशानी न हो। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेशदिया कि वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए दो दिन के अंदर जिस प्रस्तावित हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की जानी है, उसके नंबर को गर्भवती महिलाओं के लिए भी उपलब्ध कराया जाए। अदालत के आदेश में कहा गया है ‘‘इस हेल्पलाइन नंबर का,समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, दिल्ली पुलिस और अन्य जो माध्यम हो सके, प्रचार किया जाना चाहिए।’’ 

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22 अप्रैल को पारित एवं आज दोपहर दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए इस आदेश में कहा गया है ‘‘भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी की सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के हॉटस्पॉट इलाकों में रह रही गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार के लोगों को कोई दिक्कत न होने पाए।’’ पीठ ने यह आदेश एक चैरिटेबल ट्रस्ट ‘‘एमए- रिसोर्स ग्रुप फॉर वूमन एंड हेल्थ’’ की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। याचिका में दावा किया गया था कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी देखरेख तथा प्रसव संबंधी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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