भीषण गर्मी से दिल्ली बेहाल, कई हिस्सों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस के नजदीक पहुंचा

राष्ट्रीय राजधानी में 18 अप्रैल 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। महीने का अब तक का सर्वकालिक उच्च तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस है जो 29 अप्रैल 1941 को दर्ज किया गया था। खेल परिसर में पारा 46.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
नयी दिल्ली। दिल्ली में शुक्रवार को भीषण लू की स्थिति रही और राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस के नजदीक पहुंच गया। दिल्ली की सफदरजंग वेधशाला ने लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। यह 12 साल में अप्रैल महीने में एक दिन का सर्वाधिक तापमान है। राष्ट्रीय राजधानी में 18 अप्रैल 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। महीने का अब तक का सर्वकालिक उच्च तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस है जो 29 अप्रैल 1941 को दर्ज किया गया था। खेल परिसर में पारा 46.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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रिज (45.7 डिग्री सेल्सियस), मुंगेशपुर (45.9 डिग्री सेल्सियस), नजफगढ़ (45.9 डिग्री सेल्सियस) और पीतमपुरा में अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच से सात डिग्री अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को दिल्ली के कई हिस्सों में भीषण लू की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग मौसम की चेतावनी के लिए चार रंग कोड का उपयोग करता है - ‘ग्रीन’ (किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), ‘येलो’ (देखें और अद्यतन रहें), ‘ऑरेंज’ (तैयार रहें) और ‘रेड’ (कार्रवाई करें)। बढ़ती गर्मी और बढ़ती बिजली की मांग के बीच दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित राजधानी में महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने में संभावित झटके की चेतावनी दी।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार किसी तरह दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थिति से निपट रही है। उन्होंने देश में बिजली संकट से निपटने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। आईएमडी ने कहा कि दिल्ली में रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश और धूल भरी आंधी के साथ 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैंजिससे गर्मी से अस्थायी राहत मिल सकती है। इसने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार से लू के समाप्त होने की उम्मीद हैजिसके एक मई की रात से उत्तर-पश्चिमी भारत को प्रभावित करने की संभावना है।
