पुलिस-वकील विवाद: 11 घंटे तक चले पुलिस प्रदर्शन में जानिए क्या कुछ हुआ

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[email protected] । Nov 6 2019 8:02AM

पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने एक ऑडियो मैसेज में कहा कि पिछले कुछ दिनों में, हमने धैर्य और संयम के साथ काम किया है। इन घटनाओं के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखी गई, जो हमारी पेशेगत दक्षता और ताकत को दर्शाता है।

नयी दिल्ली। दिल्ली में पुलिसकर्मियों ने शिकायतों के निपटारे का अपने वरिष्ठ अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद मंगलवार को लगभग 11 घंटे तक चला अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने देर शाम अपना प्रदर्शन उस वक्त समाप्त किया, जब विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प की घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने की अपील की और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।

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दिल्ली पुलिस को मंगलवार को अपने कर्मियों से उस समय विद्रोह जैसे हालात का सामना करना पड़ा, जब हजारों पुलिसकर्मियों ने अपने सहयोगियों पर हमलों के खिलाफ यहां पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और काम पर वापस लौटने की पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की अपील ठुकरा दी। इससे पहले पुलिसकर्मी साकेत अदालत के बाहर सोमवार को अपने एक सहकर्मी पर हुए हमले का विरोध कर रहे थे और उन्होंने हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने एक ऑडियो मैसेज में कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में, हमने धैर्य और संयम के साथ काम किया है। इन घटनाओं के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखी गई, जो हमारी पेशेगत दक्षता और ताकत को दर्शाता है। 

पटनायक ने कहा,  हम आपके दर्द को समझते हैं और उससे खुद को जोड़ भी पा रहे हैं...हम इस मामले को ऊपर तक पहुंचा रहे हैं। चूंकि हम कानून की रक्षा करते हैं इसलिए हमें हर जगह कानून का पालन करना चाहिए। दिल्ली पुलिस कठिन परिस्थितियों में काम करने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है,हमें उस पर कायम रहना चाहिए .... विशेष जांच दल(एसआईटी) मामले की जांच कर रही है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि साकेत कोर्ट के बाहर सोमवार को हुई घटना पर पहले ही एक मामला दर्ज किया जा चुका है। मैं आपसे ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध करता हूं। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम आपके साथ हैं और उचित कार्रवाई करेंगे।

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इससे पहले प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने अपनी मांगे रखते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों से मारपीट करने वाले वकीलों के लाइसेंस वापस ले लिये जाएं और पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन आदेश रद्द किए जाएं। पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तनाव के हालात शनिवार से बनने शुरू हो गए थे जब पार्किंग को लेकर हुई झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे। इस बीच साकेत जिला अदालत के बाहर मोटरसाइकिल पर सवार एकपुलिसकर्मी को कुहनी और थप्पड़ मारने वाले एक वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांध रखी थीं और वे न्याय की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस के समस्त शीर्ष अधिकारी उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था, ‘‘पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं,’’ ‘‘हम पंचिंग बैग नहीं हैं’’ और ‘‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत’’। उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें। इस बीच कुछ अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरीके से सेवा नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया, उससे ऐसा लगता है कि केंद्र नाखुश है। हालांकि, सरकार को उनकी शिकायतों के लिए सहानुभूति भी है। 

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उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी स्थिति की समीक्षा की और कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है। उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार उपराज्यपाल ने कहा कि वकील और पुलिस आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उन्हें पूर्ण सद्भाव के साथ काम करना चाहिए। प्रदर्शन जारी रहने के बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मौजूदा स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। प्रदर्शन के कारण आईटीओ की ओर आने वाले कई रास्तों पर ट्रैफिक जाम हो गया और दिल्ली पुलिस को ट्विटर पर यातायात परामर्श जारी करना पड़ा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, ‘‘सिविल सोसाइटी की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था को कायम रखने में अपना पूरा जीवन बिताने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार देख कर बहुत दुख हुआ।’

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