दिल्ली प्रदूषण: बारिश में देरी से प्रदूषण से निजात नहीं, रविवार तक राहत की संभावना

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[email protected] । Nov 15 2019 8:37PM

सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला, लेकिन यह संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि संभव है कि बादल छाये रहने के कारण उपग्रह पराली जलाने की घटना का ठीक से पता नहीं लगा पाये होंगे।

नयी दिल्ली। दिल्ली में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी धूमकोहरे (स्मॉग) की मोटी परत छायी रही और प्रतिकूल मौसम के कारण प्रदूषक कण नहीं छंटे। हालांकि रविवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 463 था और द्वारका सेक्टर आठ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां एक्यूआई 495 था। वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले अधिकतर स्टेशनों ने एक्यूआई 450 से अधिक दर्ज किया।

पास के फरीदाबाद (450), गाजियाबाद (475), ग्रेटर नोएडा (445), गुरुग्राम (461) और नोएडा (474) में भी वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर रही। 201 और 300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब’ और 301-400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ तथा 401-500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है। सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एवं पूर्वानुमान सेवा (सफर) ने कहा कि बृहस्पतिवार रात को हल्की बूंदाबादी से प्रतिकूल स्थिति पैदा हुई और इसके कारण द्वितीयक प्रदूषक कणों का निर्माण हुआ। दिल्ली में नवंबर के पहले सप्ताह में ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। इसके अनुसार शुक्रवार रात को बूंदाबादी के चलते स्थिति और खराब हो सकती है। पराली जलाने और वाहनों के उत्सर्जन से निकलने वाले प्रदूषक कण जैसे कि सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड सूर्य की रोशनी और नमी की मौजूदगी में जटिल वातावरण में प्राथमिक कणों के बीच प्रतिक्रिया से द्वितियक कण जैसे सल्फेट, नाइट्रेट, ओजोन और ऑर्गेनिक एरोसोल्स का निर्माण करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है। 

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सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला, लेकिन यह संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि संभव है कि बादल छाये रहने के कारण उपग्रह पराली जलाने की घटना का ठीक से पता नहीं लगा पाये होंगे। इसने बताया कि पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण में सिर्फ 10 प्रतिशत इजाफा होने की संभावना है। सफर के परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि हालांकि 16 नवंबर तक पराली जलाने की घटना में कमी आने की संभावना है लेकिन छिटपुट बारिश के कारण उच्च नमी से स्थिति और बिगड़ सकती है। सफर ने कहा, ‘‘छिटपुट बारिश से प्रदूषण से निजात मिलने की संभावना कम है और इसलिए हवा की गुणवत्ता में 17 नवंबर तक सुधार होने की उम्मीद है।’’ दिल्ली सरकार ने हालांकि शुक्रवार को कहा कि सम-विषम योजना की अवधि को बढ़ाने पर सोमवार सुबह फैसला लिया जायेगा क्योंकि अगले दो-तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।

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