दिल्ली दंगे: अभियोजन पक्ष ने बड़ी साजिश के मामले में बहस शुरू की

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प्रसाद ने कहा कि अलग-अलग प्रदर्शन स्थल बनाए गये और चक्का जाम करके शहर को बाधित करने की साजिश रची गई। अभियोजन पक्ष की दलीलें शुक्रवार को भी जारी रहेंगी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में दंगों की कथित बड़ी साजिश के संबंध में अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर बृहस्पतिवार को अपनी दलीलों को पेश करना शुरू किया।

छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, खालिद सैफी और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन सहित 20 लोगों के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

फरवरी, 2020 में इन सांप्रदायिक दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने बुधवार को कुछ आरोपियों द्वारा दायर आवेदनों का निपटारा कर दिया था, जिनमें दिल्ली पुलिस को यह बताने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि मामले में जांच पूरी हो गई है या नहीं, और अभियोजन पक्ष को अपनी दलीलें शुरू करने की अनुमति दी।

विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने बृहस्पतिवार को इस बात को पुष्ट करने के लिए विस्तृत दलील दी कि इसमें कोई साजिश थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रदर्शन वास्तविक नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया था।’’

प्रसाद ने कहा कि अलग-अलग प्रदर्शन स्थल बनाए गये और चक्का जाम करके शहर को बाधित करने की साजिश रची गई। अभियोजन पक्ष की दलीलें शुक्रवार को भी जारी रहेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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