केजरीवाल के अहंकार के कारण दिल्ली के लोगों को हो रही परेशानी: कांग्रेस
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच बढ़ते गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उनके ‘बढ़े हुए अहंकार’ के कारण नगर के लोग परेशान हो रहे हैं।
नयी दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच बढ़ते गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उनके ‘बढ़े हुए अहंकार’ के कारण नगर के लोग परेशान हो रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के समक्ष ‘ खेद ’ प्रकट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए। आप विधायकों ने 19 फरवरी की देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रकाश से कथित तौर पर हाथापाई की थी।
माकन ने ट्वीट किया , ‘‘2014 में 49 दिन की सरकार चलाने के बाद रेडियो विज्ञापनों के जरिये केजरीवाल का वह ‘ माफीनामा ’ मुझे आज भी याद है। अब मजीठिया , जेटली , सिब्बल से माफी मांगना ... वह मुख्य सचिव से खेद क्यों नहीं प्रकट कर रहे हैं और संवैधानिक तरीके से सरकार क्यों नहीं चला रहे हैं , जैसा उनसे अपेक्षित है ? दिल्ली को उनके बढ़े हुए अहंकार का दंश क्यों झेलना चाहिए?’’ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने कहा कि अगर केजरीवाल दिल्ली के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों को नहीं समझ सके हैं तो कोई भी उनकी मदद नहीं कर सकता।
शीला ने कहा, ‘‘अगर आप संविधान को नहीं समझ सकते हैं तो कोई और क्या कर सकता है ? यह बुनियादी चीज है। दिल्ली केरल या गोवा या पुडुचेरी नहीं हो सकता है , जिन्हें संविधान में अलग शक्ति प्राप्त है।’’ दीक्षित ने कहा कि अधिक शक्ति के लिए संघर्ष करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन सिर्फ संसद के जरिये ऐसा किया जा सकता है।
वहीं कांग्रेस ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गतिरोध में मुख्यमंत्री के समर्थन में आए अन्य विपक्षी दलों के साथ खड़ा नहीं होने के अपने फैसले का बचाव किया और ‘वातानुकूलित कमरे में आप नेता के धरने’ को ड्रामा करार दिया एवं आरोप लगाया कि उनकी पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी नहीं , बल्कि केजरीवाल अलग - थलग महसूस कर रहे हैं , इसलिए वह हर जगह समर्थन की गुहार लगा रहे हैं , वह अपनी साख एवं जनाधार तेजी से खो रहे हैं।
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