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सुनियोजित थे दिल्ली के दंगे, किताब में षड़यंत्र पर बड़े खुलासे
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 23, 2021 19:30
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प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक दिल्ली दंगे साजिश का खुलासा का विमोचन किया गया। पुस्तक के लेखक मनोज वर्मा ने बताया कि दिल्ली दंगों की साजिश एक अंतरराष्ट्रीय साजिश थी। जिसको कई महीनों पहले प्लान कर लिया गया था।
दिल्ली दंगों की बरसी पर कॉल फॉर जस्टिस की तरफ से एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक दिल्ली दंगे साजिश का खुलासा का विमोचन किया गया। पुस्तक में विस्तार से पिछले साल पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के बारे में लिखा गया है। पुस्तक में बताया गया है कि किस तरह से साजिश के तहत दंगे भड़काए गए। पहले सत्र का संचालन डॉ. जसपाली चौहान ने किया। मंच पर वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा, अधिवक्ता नीरज अरोड़ा, पत्रकार आदित्य भारद्वाज मौजूद थे। कॉल फॉर जस्टिस के संयोजक नीरज अरोड़ा ने दिल्ली दंगों की प्लानिंग और उसको करने के कारणों के बारे में विस्तार से बताया। मोनिका अरोड़ा ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जिस तरह दिल्ली दंगे भड़काए गए। उसी तरह इस साल कृषि कानूनों को लेकर भी किसानों को भड़काया जा रहा है। ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट यदि बाजार में नहीं आई होती तो फिर से दिल्ली दंगों जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। यह शुक्र है कि इस बार ऐसा नहीं हो पाया है। दिल्ली दंगों और किसान आंदोलन के बीच काफी समानता है। दोनों में एक ही तरह का नेतृत्व काम कर रहा था। इन दोनों आंदोलनों में कई चेहरे एक जैसे हैं। पत्रकार आदित्य भारद्वाज ने बताया कि वो खुद उस इलाके में रहते हैं जहां ये दंगे हुए थे। उनके मुताबिक दंगों की प्लानिंग बहुत ही बेहतर तरीके से की गई थी। दंगा उस समय शुरू किया गया, जबकि घरों में पुरूष नहीं थे। जबकि जिन दुकानों और जगहों पर हमला किया जाना था, वो पहले से ही तय किया गया था। उसके लिए सारे हथियारों को भी बंदोबस्त भी किया गया था।
पुस्तक के लेखक मनोज वर्मा ने बताया कि दिल्ली दंगों की साजिश एक अंतरराष्ट्रीय साजिश थी। जिसको कई महीनों पहले प्लान कर लिया गया था। पुस्तक के अन्य लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप महापात्रा ने बताया कि जब कोर्ट में सीएए को लेकर 150 से ज्य़ादा पिटिशन लगी हुई थी। तो उस समय योजनाबद्ध तरीके से दंगे कर कानून को प्रभावित करने की कोशिश थी।
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न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) प्रमाेद कोहली ने भावुक होते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से होने के नाते वह जानते हैं कि दंगा क्या होता है। बहन-बेटियों की अस्मत लूटी गई। लोगाें की हत्याएं हुईं। दिल्ली दंगा पीड़ितों की दास्तां सुन कर ऐसा लग रहा है कि इनके साथ इंसाफ नहीं हो रहा है। हम न्याय के लिए संबंधित लोगो तथा आर्थिक सहायता के लिए सरकार तक इनकी बात पहुंचाएंगे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमसी गर्ग ने कहा कि अगर पीड़ित परिवार अपनी समस्याओं की रिपोर्ट "कॉल फार जस्टिस' को भेजें तो हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे। आईपीएस बोहरा - पीड़ित को अगर लगता है की दबाब में बयान लिया गया है तो वो अपना बयां बदल सकते हैं।
भारतीय स्वाधीनता के 75 साल, PM मोदी 12 मार्च को 'अमृत महोत्सव' की करेंगे शुरूआत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 20:35
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मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री 12 मार्च को गुजरात में रहेंगे जहां वह अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे।
गांधीनगर। देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को गुजरात से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की शुरूआत करेंगे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसकी जानकारी दी। रूपाणी ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री साबरमती आश्रम से 21 दिनों तक चलने वाली ‘दांडी यात्रा’ को भी हरी झंडी दिखायेंगे। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी साबरमती आश्रम में ही रहते थे।
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उन्होंने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री 12 मार्च को गुजरात में रहेंगे जहां वह अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की अगुवाई की थी। ब्रिटिश सरकार के नमक के एकाधिकार के खिलाफ 1930 में साबरमती आश्रम से नवसारी के दांडी तक की यात्रा की थी। यह यात्रा 12 मार्च 1930 से लेकर छह अप्रैल 1930 के बीच हुयी थी।
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पिछले हफ्ते केंद्र ने देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय राष्ट्रीय समिति के गठन की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोवार को कहा था कि भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोहों में आजादी के आंदोलन की भावना प्रदर्शित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह 1947 से हमारी उपलब्धियों को दुनिया को दिखाने का अवसर है।
कांग्रेस के बहिर्गमन पर भड़के येदियुरप्पा, बोले- सिद्धारमैया को हमेशा के लिए विपक्ष में बैठने की गारंटी देता हूं
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 20:29
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मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आक्रोशित होकर कहा कि प्रिय सिद्धारमैया, आपको हमेशा के लिए विपक्ष में बैठने की गांरटी देता हूं। अगर मैंने 130 से 135 सीटें जीतकर सिद्धरमैया को विपक्ष में बैठने पर मजबूर नहीं किया तो मेरा नाम येदियुरप्पा नहीं।
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा द्वारा 2021-22 का बजट पेश करने के दौरान कांग्रेस ने बहिर्गमन किया जिसके बाद येदियुरप्पा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के इतिहास में बजट का बहिष्कार कभी नहीं किया गया। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन करने से पहले आरोप लगाया कि राज्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। बजट पेश करने के बाद येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, “केंद्र या राज्य में बजट के दौरान बहिर्गमन करने की घटना कभी हुई है क्या?”
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उन्होंने कहा, “वे (कांग्रेस) किस नैतिकता की बात कर रहे हैं? मैं बताऊंगा कि बजट पर चर्चा के दौरान वह किस नैतिकता की बात कर रहे थे।” येदियुरप्पा ने कहा कि विपक्ष तुच्छ बहाने बनाकर निकलना चाहता है क्योंकि वह स्थिति का सामना नहीं करना चाहता। मुख्यमंत्री ने आक्रोशित होकर कहा, “प्रिय सिद्धरमैया, आपको हमेशा के लिए विपक्ष में बैठने की गांरटी देता हूं। अगर मैंने 130 से 135 सीटें जीतकर सिद्धरमैया को विपक्ष में बैठने पर मजबूर नहीं किया तो मेरा नाम येदियुरप्पा नहीं। यह मैं लिखकर देता हूं।”
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सिद्धरमैया द्वारा मंत्रियों के इस्तीफे की मांग पर किए गए सवाल के जवाब में येदियुरप्पा ने कहा कि सिद्धरमैया को कुछ मानसिक समस्याएं हो गई हैं इसलिए वह समझ नहीं पा रहे कि उन्हें क्या बोलना है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा था, “पापों का बोझ उठा रही इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए हमने बजट पेश किए जाने का विरोध करने का निर्णय लिया है।
महिलाएं भगवान का रूप जब हम मुश्किल में होते है, तब हम भगवान की गोद में होते हैं- डॉ सुदाम खाड़े
- दिनेश शुक्ल
- मार्च 8, 2021 20:26
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पद्मश्री भावना सोमाया ने कहा कि भगवान ने स्त्री और पुरूष को अलग-अलग इसलिए बनाया गया ताकि वह एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो और अपना-अपना काम करें। इस दौरान उन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को भी याद किया।
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