HC ने पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका खारिज की, कहा- इसमें कोई दम नहीं

Ishrat Jahan

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’ इशरत जहां को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में जांच पूरी करने के लिए 60 दिन का और वक्त देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। जहां पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कुछ भी अवैध नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’ इशरत जहां को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें मामले में जांच पूरी करने के लिए 90 दिनों की अवधि के अतिरिक्त दो और महीने का वक्त दिया गया। 

इसे भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां की याचिका का किया विरोध, UAPA के तहत दर्ज है मामला 

दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि जहां तक मामले में जांच की अवधि बढ़ाने के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के फैसले का संबंध है तो उच्च न्यायालय को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के 15 जून के आदेश को चुनौती देने वाली जहां की याचिका पर 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। निचली अदालत ने पुलिस को जहां तथा कार्यकर्ता खालिद सैफी के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए 60 दिनों का और वक्त दिया था। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे थे जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़