राज्यसभा में उठी पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग
जम्मू कश्मीर की आधिकारिक की सूची में पंजाबी को शामिल किया जाना चाहिए अन्यथा अल्पसंख्यकों में असंतोष बढेगा। शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर ने भी यह मुद्दा उठाया।
नयी दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक बनाए जाने की मांग की गई। शून्यकाल में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कश्मीर और पंजाब का बेहद गहरा रिश्ता है और कश्मीर में बडी संख्या में लोग पंजाबी बोलते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की आधिकारिक की सूची में पंजाबी को शामिल किया जाना चाहिए अन्यथा अल्पसंख्यकों में असंतोष बढेगा। शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर ने भी यह मुद्दा उठाया।
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उन्होंने कहा आधिकारिक की सूची से पंजाबी को बाहर रखने का फैसला बेहद दुखदायी है। पंजाबी बोलने वालों की संख्या विदेशों में भी कम नहीं है। उल्लेखनीय है कि दो सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसे तहत कश्मीरी, डोगरी और हिंदी जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी। उर्दू और अंग्रेजी पहले से ही आधिकारिक भाषाएं हैं।
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