साधु-संतों की प्रधानमंत्री मोदी से मांग, शाही स्नान के लिए यमुना में करें शुद्ध जल की व्यवस्था

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अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह वृन्दावन में चल रहे ‘कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक’ के दौरान नौ मार्च को होने वाले अगले शाही स्नान से पहले यमुना के जल को संत-महात्माओं के स्नान योग्य बनाने के लिए और अधिक पानी छुड़वाएं।

मथुरा। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह वृन्दावन में चल रहे ‘कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक’ के दौरान नौ मार्च को होने वाले अगले शाही स्नान से पहले यमुना के जल को संत-महात्माओं के स्नान योग्य बनाने के लिए और अधिक पानी छुड़वाएं। महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा, यद्यपि राज्य सरकार ने कुम्भ पूर्व बैठक के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है, लेकिन यमुना में अत्यधिक प्रदूषण के कारण उसमें स्नान करना तो क्या, स्नान के लिए प्रवेश करना भी संभव नहीं हो पा रहा।

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कई स्थानों पर तो दूर से ही आ रही दुर्गंध के कारण वहां रुकना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा, इसीलिए इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के अवसर पर पिछले शाही स्नान के दौरान 27 फरवरी को देवरहा बाबा घाट, यमुना में दूषित जल पाकर कई संत-महात्माओं ने स्नान नहीं किया। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी भी दी थी कि यदि अगले स्नान पर्व तक यमुना के जल की स्वच्छा अच्छी नहीं हुई तो वे स्नान नहीं करेंगे। तीसरा शाही स्नान 9 मार्च और चौथा व अंतिम स्नान 13 मार्च को होना है।

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गौरतलब है कि इसके बाद सिंचाई विभाग ने अपस्ट्रीम से यमुना तथा गंगाजल की आपूर्ति करने वाली दो अलग-अलग नहरों के माध्यम से काफी पानी छोड़ा भी था। लेकिन उक्त नहरों की पटरी टूट जाने का खतरा पैदा हो जाने पर उन्होंने और ज्यादा पानी छोड़ने से हाथ खड़े कर दिए। वर्तमान में स्थिति यह है कि वृन्दावन में यमुना का जल काफी प्रदूषित है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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